दूसरे दलों के चुनाव चिन्ह से प्रदेश की 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी

अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों ने एक मोर्चा बनाकर भाजपा को हराने के लिए प्रदेश की 20-30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की है। बिलासपुर में हुए राज्य-स्तरीय सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया है। मोर्चा ने अपना उम्मीदवार खड़ा करने के लिए बसपा और दूसरे दलों से सम्पर्क शुरू किया है।

संविधान बचाओ एसटी, एससी, ओबीसी, माइनोरिटी संगठनों को एक मंच पर लाने के लिए रविवार को नेहरू चौक स्थित नगर-निगम के सामुदायिक भवन में एक सभा रखी। एसबीएसएसएम नाम के इस मोर्चा का मानना है कि केन्द्र और राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार बहुसंख्यक समुदाय के साथ छल व ठगी कर रही है। इन सभी वर्गों के 10-10 प्रतिनिधियों को चुनाव लड़ाने के लिए तैयारी की जा रही है। प्रदेश की 10 से लेकर 30 सीटों पर चुनाव लड़ा जा सकता है। आयोजकों ने कहा कि उनका संगठन राजनीतिक नहीं है न ही वे किसी एक दल से जुड़े हैं। वे भाजपा के साथ किसी कीमत पर नहीं जाएंगे और दूसरे दलों के चुनाव चिन्ह से अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे। इसके लिए बहुजन समाज पार्टी से चर्चा चल रही है। दूसरे दलों से भी चर्चा की जाएगी।

मोर्चा का प्रयास है कि राज्य में जितने भी संगठन एससी एसटी ओबीसी और माइनोरिटी के लिए बने हैं सभी एक जुट होकर चुनाव लड़ें। साझा समाजिक एकजुटता सम्मेलन के समन्वयक सुरेश कुमार दिवाकर ने कहा कि सम्मेलन में  राज्य भर के  300 से भी ज्यादा संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इससे साफ़ हो गया है कि वे एक जुट होकर चुनाव लड़ सकते हैं।  दिवाकर ने साफ़ तौर पर कहा कि वे किसी भी सूरत में भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। यह चुनाव भाजपा के खिलाफ उनकी लड़ाई है।

आयोजकों में से एक राजेंद्र बर्मन से बताया कि काफी सालों से पिछड़े और वंचित समाज के लोगों में सरकार के प्रति रोष है। सभी को एक मंच पर लाकर मनुवाद और असमानता के खिलाफ आवाज उठाने के लिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया है। इस प्रस्ताव को सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों ने अपना समर्थन दिया है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here