छत्तीसगढ़ के फिल्मकारों, कलाकारों को बॉलीवुड की हिन्दी फिल्मों से जुड़ने की दी सलाह, मदद का भरोसा दिलाया

बिलासपुर। आशिकी, सपने साजन के जैसी सुपर हिट फिल्मों के एक्टर और बिग बॉस रियलटी शो विजेता राहुल रॉय इन दिनों बिलासपुर में सैर कर रहे हैं। वे यहां के एक दोस्त के साथ पहुंचे हैं और कल तक रहेंगे। उन्होंने आराम से मॉल घूमा, प्रशंसकों से मुलाकात की। महामाया का दर्शन किया और मीडिया से मिलकर अपने भविष्य की योजनाओं पर बात की।

करगीरोड कोटा के सुमंत सिंह बीते दो दशक में एक फिल्म फाइनेंसर के साथ काम करते हैं। अभिनेता राहुल राय से उनकी पुरानी दोस्ती है। वे उनके साथ ही बिलासपुर पहुंचे हैं। मंगलवार को पहुंचने के बाद राहुल रॉय ने शहर का भ्रमण किया और मेग्नेटो मॉल भी गये। आज सुबह वे महामाया मंदिर रतनपुर गये और वहां पूजा-अर्चना की। लौटते हुए वे कोनी थाने में भी पहुंच गये। शाम को बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचे और यहां मीडिया से खुलकर बातचीत की। हर जगह उन्हें प्रशंसकों ने घेरा और उनके साथ उन्होंने तस्वीरे खिंचवाई आटो ग्राफ दिये।

बिलासपुर प्रेस क्लब में राहुल रॉय ने बताया कि वे बीते आठ साल आस्ट्रेलिया रहने चले गये थे। दो साल पहले भारत वापस आये। सन् 1990 में उनकी फिल्म आशिकी आई थी और उसके बाद कई फिल्में हिट हुईं। उस समय जो स्टारडम था, आज दिखाई नहीं देता है। फिल्मों से वे फिर जुड़ गये हैं, लेकिन तब और अब में बड़ा फर्क है। इस साल मेरी 4-5 फिल्में आएंगीं। ए थिन लाइन इसी माह रिलीज हुई है, जो दिल्ली, इंदौर आदि में देखी जा चुकी है, बिलासपुर के पीवीआर सिनेमा में भी यह जल्दी ही प्रदर्शित होगी। छत्तीसगढ़ के अन्य मल्टीप्लेक्स में भी यह फिल्म जल्द आयेगी। यह एक पारिवारिक फिल्म है, जिसमें बाद प्रेमी प्रेमिका विवाह कर लेने के बाद अपने परिवार को बचाये रखने के लिए किस तरह पूरी ताकत झोंक देते हैं। इस फिल्म को समीक्षकों ने अच्छी रेटिंग भी दी है। इसके अलावा उनकी चार और फिल्में इस माह रिलीज होंगी।

राहुल रॉय ने बताया कि 9 फरवरी को उनका जन्मदिन है, इस दिन वे कुछ और फिल्में साइन कर सकते हैं। मैं केवल दमदार किरदार ही अब निभाऊंगा। फिल्म चुनने का अधिकार मेरा अपना है।

उन्होंने कहा कि बिलासपुर आने के बाद पता चला कि यहां पर कई प्रतिभावान हैं जो फिल्मों के अलग-अलग विधाओं में काम करते हैं। देश-विदेश में घूमते हुए उन्होंने पाया है कि फिल्मों के लिए हिंदी माध्यम सबसे धनी है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी यही स्थिति है।  विदेश में भी हिंदी फिल्मों की शूटिंग के लिए बहुत सब्सिडी मिलती है ताकि वह टूरिज्म को बढ़ावा मिले। छत्तीसगढ़ में भी इस तरह के कई लोकेशन हैं।  मैं छत्तीसगढ़ कलाकारों से कहना चाहता हूं कि आप क्यों सिर्फ छत्तीसगढ़ी फिल्मों पर काम करना चाहते हैं हिंदी पर भी दो-तीन फिल्में बनाएं और उसका नतीजा देखें और यहां आप बॉलीवुड के डायरेक्टर कलाकारों से भी सहयोग ले कहानी अपनी पृष्ठभूमि का रख सकते हैं यहां के भी एक्टर ने धार्मिक रोमांटिक एक्शन कुछ भी फिल्में बनाई जा सकती हैं। इससे छत्तीसगढ़ी कलाकारों और फिल्मकारों को बड़ा मंच मिलेगा नेशनल इंटरनेशनल लेवल पर भी वे अपना परफारमेंस दिखा सकते हैं, लोहा मनवा सकते हैं।

यहां पर लोगों से मिला शॉपिंग मॉल गया आज रतनपुर महामाया का दर्शन किया भैरव बाबा का दर्शन किया बहुत अच्छा लगा। लोगों से मिला मैंने यहां पर पाया कि यहां के जो प्रशंसक हैं वह बहुत ही वह संयमित हैं और कपड़ा नहीं फाड़ते।

मैं छत्तीसगढ़ को अपने नजरिए से देखना चाहता हूं इसलिए बिलासपुर आया हूं यहां पर फिल्में भी और टीवी सीरियल के लिए भी बड़ा स्कोप है यह बात मैं आज इसलिए कह पा रहा हूं क्योंकि मैं अपनी परेशानियों से उभर कर अपने पैरों को बहुत मजबूत कर चुका हूं।

उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफार्म में सेंसर नहीं है और मैं सेंसर का होना गैर जरूरी मानता हूं। जिस तरह से आप अपनी पसंद के नेता का चुनाव करते हैं, फिल्में भी चुन सकते हैं। एक बटन ही तो दबाना है।

राहुल राय ने कहा कि फिल्मों में लेखकों को ज्यादा महत्व नहीं मिलता, जबकि यही फिल्मों को मजबूती प्रदान करती है। हम अच्छा पेमेंट देंगे कहानीकार को तो अच्छी कहानियां सामने आएगी घूम फिर कर वहीं प्रेमी प्रेमिका प्रेमी के पीछे प्रेमिका के पीछे भागने की कहानी हासिल करने की कहानी दिखाई जाती है।

हाल ही में रिलीज द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर और मोदी पर आने वाली फिल्म को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में राहुल राय ने कहा कि अब कुछ महीने बाद चुनाव आने वाले हैं जिसको देखकर इस तरह के प्रयोग की जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में कितने ही ऐसी हस्तियां हैं जिनके जीवन पर फिल्में बनाई बनाई जा सकती है जो सेवा के कार्य में लगे हैं जिन्हें परमवीर चक्र मिला है उन पर भी कहानियां बनाई जा सकती है भारत में हीरो के किरदारों की कमी नहीं है बस उसे साहस करके फिल्मकारों को सामने लाना चाहिए।

मी टू को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं कभी इस में फंसा नहीं, न ही इसकी संभावना है। मैं महिलाओं का बहुत आदर करता हूं। यह कहा जाना बिल्कुल बेकार है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। मी टू की शिकायतें फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं, दूसरी इंडस्ट्री में भी है, इन पर सख्ती होनी चाहिए।

 

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