रोज 475 किमी की हो रही सफाई, विकास भवन के कंट्रोल रूम से की जा रही निगरानी

शहर के जिन सड़कों पर मैकेनिकल व मैनुअल सफाई शुरू की गई है वहां से धूल मिट्टी हट जाने के कारण वह साफ सुथरी दिखाई देने लगी हैं। इन मशीनों से सड़क के किनारे उगे घास की भी छटाई हो रही है। नगर निगम इन मशीनों से मुख्य मार्गों के किनारे की किसी भी तरह की गंदगी की सफाई की जाने लगी है।

लायन सर्विस लिमिटेड द्वारा जीआईएस बेस्ड मैकेनिकल और मैनुअल तरीके से शहर की सफाई शुरू कर दी गई है। इसमें मुख्य मार्गों को रूट बनाकर 27 किलोमीटर रात में और सभी वार्डों में 475 बीट बनाकर 475 किलोमीटर की सफाई की जा रही है।

मैकेनिकल तरीके के रूट में सीपत रोड से सीपत चौक होते हुए साइंस कालेज गीतांजलि टू सरकंडा, प्रताप टाकीज रोड से महामाया चौक पुराना सरकंडा होते हुए देवकीनंदन चौक, मुंगेली रोड से नेहरू चौक, कलेक्टोरेट होते हुए मंगला चौक, बिलासपुर रोड, नेहरू चौक गोलबाजार से नेहरू चौक तक, बिलासपुर-रायपुर रोड होते हुए महामाया प्रताप चौक, राजीव गांधी चौक प्रताप चौक, तेलीपारा रोड होते हुए पुराना बस स्टैंड तेलीपारा, तेलीपारा से सिटी कोतवाली तक,  लिंकरोड से टेलीफोन एक्सचेंज रोड होते हुए मंदिर चौक, मगरपारा चौक से पुराना बस स्टैंड तक, गौरव पथ से महाराणा प्रताप चौक  होते हुए मंगला चौक तक, व्यापार विहार रोड से महाराणा प्रताप चौक से भारतीयनगर चौक तक, श्रीकांत वर्मा मार्ग से दीनदयाल उपाध्याय चौक लिंकरोड तक, सिविल लाइन रोड से सिविल लाइन चौक से ईदगाह चौक होते हुए राघवेंद्र राव सभाभवन तक शामिल हैं।

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इन रूटों की सफाई रोज रात में होगी। हर रोज तय रूट में एक ओर जहां सड़कों की सफाई होगी, वहीं डिवाइडर व चौक चौराहों पर लगी मूर्तियों की प्रेशर पंप से सफाई की जा रही है।

वार्डवासी भी खुशः वार्डों में फैलने वाली गंदगी को बीट में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा तुरंत उठाया जा रहा है। पहले सफाई कर्मियों के एक दो घंटे कार्य करने के बाद चले जाने की शिकायत आम थी, लेकिन मैनुअल तरीके से सफाई व्यवस्था में ड्यूटी समय तक कर्मचारी वार्डों में सफाई कर रहे हैं। इससे शहर के वार्डवासी भी खुश हैं।

सफाई में सभी तरह की गंदगी चाहे वह बड़े घास हो, पेड़ पौधों के पत्ते, धूल, मिट्टी, पत्थर के टुकड़े या फिर निर्माण संबंधित मलबा सभी तरह की आंखों में चुभने वाली गंदगी को हर रोज उठाया जा रहा है। जीआईएस बेस्ट स्वीपिंग सिस्टम में विकास भवन में ही कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से कब कहां पर की सफाई हो रही है और कौन कितना समय तक कहां कार्य कर रहा है, इसकी जानकारी हर पल मिलती है। मशीन व वाहन कब कहां पर सफाई कर रहे हैं इसे भी हर समय देखा जा सकता है। कंपनी के प्रतिनिधि कंट्रोल रूम से मानिटरिंग करते हैं।

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