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आचार-संहिताः जोगी ने मरवाही सदन के बाहर सड़क पर की प्रेस से बात, कहा-राष्ट्रीय दलों का वक्त जा चुका, अब ममता, माया जैसों की सरकार बने

अजीत जोगी/ फाइल फोटो

‘साम्प्रदायिक ताकतों को अपदस्थ करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं….’

बिलासपुर। मरवाही सदन में प्रेस कांफेंस हो सकती है या नहीं, इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी आज खासे परेशान रहे। जिला निर्वाचन अधिकारी, कलेक्टर से हरी झंडी नहीं मिली तो उन्होंने कोई जोखिम उठाना ठीक नहीं समझा। प्रिंट मीडिया से उन्होंने मरवाही सदन में तो बात की, पर फोटो लेने से मना कर दिया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वालों ने कहा कि हमारा काम तो विजुअल के बिना चलेगा नहीं तो जोगी उनसे बात करने व्हील चेयर से मरवाही सदन के बाहर सड़क पर आये।

दरअसल, नेहरू चौक के पास स्थित मरवाही सदन एक सरकारी भवन है, जो उन्हें विधायक होने के नाते आवंटित किया गया है। आज सुबह जोगी को पत्रकारों से बात करनी थी। खबर मिली है कि उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर डॉ. संजय अलंग से जानना चाहा कि क्या वे यहां प्रेस कांफ्रेंस ले सकते हैं? डॉ. अलंग का जवाब भी रणनीतिक रहा। उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं कि प्रावधान, नियम क्या कहते हैं। दिल्ली बात करनी पड़ेगी। दिल्ली बात होने से तो रही। जोगी प्रतीक्षा भी नहीं कर सकते थे। प्रिंट मीडिया वालों ने सम्मान रखा और बिना तस्वीर लिये बातचीत कर ली, पर न्यूज चैनल वालों के लिए जोगी को मरवाही सदन के बाहर आना पड़ा।

बातचीत में जोगी ने ऐलान किया कि देश में साम्प्रदायिक ताकतों को सत्ता पर कब्जा करने से रोकने के लिए छजकां और बसपा गठबंधन किसी भी हद तक जा सकता है। इसके लिए जैसा भी समझौता करना पड़े वे करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश नीति में पूरी तरह विफल हैं । ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि भारत का अपने किसी भी पड़ोसी देश से सम्बंध अच्छा नहीं है। यहां तक नेपाल जैसे छोटे देश से भी हमारा सम्बन्ध खराब हो चुका है । हमारा गठबंधन छत्तीसगढ़ के सभी 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और भाजपा को एक भी सीट न मिले इसके लिए पूरी कोशिश करेगा ।

जोगी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की हमारी तैयारी पूरी है और हमारा एक ही लक्ष्य है किदिल्ली में किसी भी हालत में साम्प्रदायिक ताकतों की सरकार नहीं बने । मेरा इशारा नरेंद मोदी और अमित शाह की ओर है। इन्हें रोकने हमारे गठबंधन को जो भी समझौता करना पड़े करेंगे तथा छतीसगढ़ की एक भी सीट भाजपा नहीं जीते इसके लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।

जोगी ने प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के उपयुक्त होने के प्रश्न पर कहा कि अब देश मे किसी राष्ट्रीय पार्टी के राज करने का समय जा चुका । अब तो गैर भाजपा या गैर कांग्रेस दलों की सरकार केंद्र में बननी चाहिए । देवेगौड़ा और गुजराल की पुनरावृत्ति तो नहीं हो सकती मगर कई क्षेत्रीय पार्टी के नेता प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य है । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी और बसपा प्रमुख मायावती भी उपयुक्त हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और बसपा के बीच विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन होगा जिसके लिए 18 मार्च को बैठक होनी है। अभी कोई भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है । मरवाही से अजीत जोगी और बिलासपुर से धर्मजीत सिंह को प्रत्याशी बनाये जाने की अभी सिर्फ चर्चा है । छजकां द्वारा घोषित सभी प्रत्याशी दबंग होंगे और चुनाव जीतने के लिए लड़ेंगे । उसके बाद होने वाले नगर निकायों तथा पंचायतों के चुनाव छजकां अकेले लड़ेगी ।

जोगी ने प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने  अभी तक राज्य सरकार के कामों पर प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है क्योंकि किसी भी सरकार को काम करने का मौका दिया जाना चाहिए।  काम देखकर टिप्पणी करनी चाहिए लेकिन अब समय आ गया है कि वर्तमान सरकार पर कुछ कहा जाए । डेढ़ साल पहले उन्होंने घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें हमने धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये देने, किसानों की कर्ज माफी और राज्य में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की। कांग्रेस का घोषणा पत्र  हमारी नकल है। आंकड़े व शब्द भी नहीं बदले गए। वर्तमान सरकार ने किसानों की कर्ज माफी आधी-अधूरी की। राष्ट्रीयकृत बैकों और साहूकारों से किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया । शराब बंदी की घोषणा पर भी अमल न कर अध्ययन की बात की जाने लगी है । सरकार का खजाना खाली है और कर्ज लेकर वेतन बांटा जा रहा है। राज्य में विकास कार्य रुक गए हैं। कई विभागों से राशि वापस मंगा ली गई है। हमने शपथपत्र सोच समझकर बनाया था। एक रोडमेप तैयार किया था, मगर इस सरकार ने हमारे घोषणापत्र का नकल तो किया लेकिन रोडमैप तैयार नहीं किया ।

जोगी ने कहा कि तीन वादों पर सरकार को तत्काल काम करना चाहिए । प्रदेश को यदि बचाना है तो शराबबंदी तत्काल हो। सबसे बड़ी बर्बादी शराब से ही हो रही है । जनचर्चा तो यह भी है कि इसके लिए लम्बा सौदा हुआ है । शराब लाबी की ओर से दो सौ करोड़ अग्रिम और शराबबंदी नहीं करने के लिए लोकसभा चुनाव में तीन सौ करोड़ और देने की बात हुई है। दूसरा बड़ा मुद्दा युवाओं को रोजगार देने का है। 25 से 30 लाख युवा बेरोजगारों को न तो  रोजगार मिल रहा है और न ही बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। तीसरा मुद्दा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का है। इन्हें चुनाव के पहले नियमित करने का वादा किया गया था ।ले देकर एक भर्ती प्रक्रिया निकली तो उसमें भी कह दिया गया कि आवेदक का छत्तीसगढ़ का निवासी होना जरूरी नहीं है यानी आउटसोर्सिग का रास्ता सरकार ने खोल दिया ।

जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ के समग्र विकास को लेकर प्रदेश के किसी भी सांसद ने संसद में आज तक कुछ नहीं बोला। ऐसे लोगों से क्या फायदा ? इसलिए ऐसे लोगों को चुनाव में जिता कर भेजो जो संसद में छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद कर सके। नदियों को जोड़ने  ,छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग कर सके।  जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण दिग्विजय सिंह ने अपने हिसाब से किया। यहां खजाना खाली था, उनका भर गया। यहां रिजेक्ट किये गए अधिकारी भेजे गए। पैसों की बड़ी जरूरत थी। मैंने काम के बदले अनाज योजना शुरू की। फंड के लिए राज्य निर्माण की शर्तों का अध्ययन किया। पाया कि बिजली का बंटवारा नहीं किया जाना है। तब मैंने बिजली रोकी और हर माह करीब दो सौ करोड़ बिजली बेचकर जुटाए।

 

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