कैंसर ऐसी बीमारी है, जिसकी कल्पना से ही लोग सिहर उठते हैं, पर समय पर इसका पता लग जाने से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। कैंसर अब हार्ट, बीपी, शुगर की तरह ही आम बीमारी होती जा रही है, लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए समय निकालना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अपोलो अस्पताल की ओर से 17 नवंबर को शाम चार बजे से रामा मेग्नेटो मॉल श्रीकांत वर्मा मार्ग में एक इवेन्ट का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कैंसर की जंग जीतने वाले मरीज रैम्प वाक भी करेंगे।

उक्त जानकारी अपोलो अस्पताल के सीओओ डॉ. सजल सेन, कैंसर सर्जन डॉ. अमित वर्मा, डॉ. पनीदा और डॉ. प्रियंका ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी। डॉक्टरों ने बताया कि कैंसर का समय पर पता लगने के बाद उसमें 80 से 90 प्रतिशत तक सफलता मिल सकती है। जब भी इसका संकेत मिले चेकअप कराना चाहिए। हर तीन माह में कम से कम एक दिन के लिए हमें कैंसर के प्रति खुद सतर्क रहने और समाज को जागरूक करने के लिए समय निकालना चाहिए।

डॉ. सेन ने कहा कि शुगर, ब्लडप्रेशर आदि के मरीजों को तो प्रायः पूरी उम्र दवा खानी पड़ती है पर अगर समय पर कैंसर का पता लग जाए तो यह 6 माह से साल भर के भीतर ठीक हो सकता है। इसीलिए जागरूकता कार्यक्रम का स्लोगन ‘जल्दी पकड़ो-जंग जीतो’ रखा गया है।

डॉ. वर्मा ने बताया कि अचानक शरीर के किसी हिस्से में गठान का उभरना, उससे खून बहना, अचानक वजन कम हो जाना, बुखार आना आदि इसके सामान्य लक्षण हैं। सिर्फ 6 से 8 फीसदी कैंसर आनुवांशिक होते हैं। बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल में अमूमन कैंसर के इलाज के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में 400 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक रेडिएशन मशीन पोटान भी स्थापित किया जा रहा है। यह देश में पहला होगा।

 

 

डॉ. पनीदा व डॉ. प्रियंका ने कहा कि कैंसर में महिलाओं को बाल झड़ने, वक्ष केंसर में शरीर विकृत होने का भय बना रहता है, पर सच्चाई यह है कि बाल भी फिर से आ जाते हैं और शरीर के क्षतिग्रस्त हिस्से का भी पुनर्निर्माण हो जाता है।

पत्रकार वार्ता में उपस्थित कैंसर से पूरी तरह मुक्त हो चुकी मरीज बिन्नी सलूजा ने कहा कि पता लगने के बाद हमें यह स्वीकार करने में एक या दो दिन ही लगते हैं कि हमें कैंसर है। उसके बाद हमें तुरंत इलाज शुरू करा देना चाहिए। उन्होंने अपने घने बालों के बारे में बताया कि यह कैंसर के बाद दुबारा आ गए हैं, बाल नकली नहीं हैं। मैंने यह स्वीकार कर लिया कि 6-12 माह तक मुझे कैंसर का इलाज पूरी जिम्मेदारी से कराना है और अब मैं सामान्य हूं। उन्होंने कहा कि लोग कैंसर जैसे रोग का पता चलते ही बाहर जाने की बात करते हैं लेकिन उन्होंने पाया कि बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल में इलाज की पूरी सुविधा है और डॉक्टरों की देखभाल भी वरदान से कम नहीं है। यहां उपस्थित कैंसर से मुक्त होने वाली पुष्पा राव ने भी अपने अनुभव साझा किए।

 

 

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