यूपीएससी में 13वीं रैंक लाने वाले वर्णित ने 15लाख सालाना पैकेज की नौकरी छोड़ की थी तैयारी, तीसरी बार में सफलता मिली

बिलासपुर । संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 13वीं रेंक हासिल करने वाले शहर के वर्णित नेगी ने आईएएस बनने के लिए अपनी 15 लाख रुपये सालाना पैकेज की नौकरी से इस्तीफा देकर तैयारी की थी। उन्हें तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। दरअसल उन्होंने यह परीक्षा पास कर अपने पिता का सपना पूरा किया है, जो खुद भी आईएएस सेवा में जाना चाहते थे।

जशपुर में जन्मे और अब बिलासपुर के अर्चना विहार में माता-पिता के साथ रहने वाले वर्णित का चयन आईएएस के लिए हुआ है। उनके पिता देवेन्द्र सिंह नेगी हाईस्कूल परसदा के प्राचार्य हैं तथा माता डॉ. सीमा नेगी तखतपुर के शासकीय जेएमपी महाविद्यालय में लेक्चरर हैं। उनके भाई डॉ. अंकित नेगी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं। वर्णित का परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल इलाके के यमकेश्वर ब्लॉक के किमसार गांव से है। उनके चाचा हरिद्वार में  विभिन्न विभागों में शासकीय अधिकारी के पद पर काम कर रहे हैं। जैसा कि उनके परिवार के लोग बताते हैं उनके शिक्षक पिता ने भी आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की है और वे भी आईएएस बनना चाहते थे। अब उनके बेटे ने पिता का सपना पूरा किया है।

वर्णित की कक्षा सात तक की पढ़ाई जशपुर में हुई, उसके बाद उन्होंने 10वीं तक डीएवी पब्लिक स्कूल में शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने कोटा (राजस्थान) से 11वीं व 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हें इसके बाद उन्होंने सूरतमल, कर्नाटक से सन् 2014 में बी टेक की डिग्री ली। पढ़ाई के दौरान ही उनका पावर ग्रिड कार्पोरेशन में 15 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर नौकरी मिल गई। राजस्थान के धौलपुर में एक आईएएस अधिकारी के साथ काम करते हुए उन्हें भी प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा जागृत हुई। डेढ़ साल वहां काम करने के बाद,  एक दिन उन्होंने अपनी मां से फोन पर कहा कि वह इस्तीफा देकर यूपीएससी की तैयारी करना चाहता है। मां ने उसकी इच्छा का पूरा सम्मान किया और उसे अपना आशीर्वाद दिया। वर्णित एक अच्छे चित्रकार भी हैं। उन्होंने मां से कहा कि यदि मुझे सफलता नहीं मिली तो पेंटिंग को ही अपना कैरियर बना लूंगा। बहरहाल, नौकरी से त्यागपत्र देकर वर्णित यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लग गये। पहली बार उनको सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में उन्होंने 504वीं रैंक हासिल हुई और उनका चयन रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में बतौर असिस्टेंट सिक्यूरिटी कमिश्नर हो गया, लेकिन, आईएएस बनने की जिद ने उनका हौसला बनाए रखा। तीसरी बार उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और इस बार देश में 13वीं रैंक को हासिल कर लिया।
वर्णित का कहना है कि मन से डर निकाल दो और शुरू हो जाओ। कामयाबी निश्चित तौर पर आपके कदम चूमेगी। वर्णित ने बताया कि पहले उन्हें भी लगता था कि जो युवा इतनी अच्छी रैंक लाते हैं। वह लाखों में से 100 ही होते होंगे। वह यह सब कैसे कर पाते होंगे? लेकिन जब उनके बीच के एक सीनियर ने गत वर्ष 98वीं रैंक हासिल की तो वर्णित का हौसला बढ़ गया और उसका डर भी खत्म हो गया। उन्हें विश्वास हो गया कि वह भी इसे कर सकता है और कर दिखाया। वर्णित का कहना है सिविल सेवा परीक्षा के लिए आपके भीतर यही विश्वास होना चाहिए। वर्णित नेगी ने बताया कि करेंट अफेयर्स को केवल जानना पर्याप्त नहीं है। जो भी देश-दुनिया में घटित हो रहा है, उसके प्रति जागरुक रहने के साथ ही उसका विश्लेषण करना भी बेहद जरूरी है। प्रत्येक सिक्के के दो पहलू होते हैं। इसलिए उस घटना को लेकर भी अपना विचार बनाएंगे तो आपके भीतर एक नई काबिलियत पैदा होगी। विश्लेषण की यह क्षमता इंटरव्यू में बेहद कारगर साबित होगी।

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