जनदर्शन मे सोमवार को एक अनोखा मामला सामने आया है।

बिल्हा पंचायत के अंतर्गत ग्राम गढ़वत निवासी तीज कुमार सूर्या ने बताया कि वह पिछले एक साल से स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत शौचालय निर्माण व प्रधानमंत्री आवास निर्माण में फर्जीवाड़ा, अनियमितता और मजदूरों की राशि गबन की जांच के संदर्भ में बार-बार शिकायत किए जाने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई। सूर्या ने आगे कहा कि विकास खंड बिल्हा अंतर्गत ग्राम पंचायत गढ़वट के सरपंच कपिल कश्यप, सचिव प्रीति वैश्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी राधेश्याम नायक, इंजीनियर महेश तिवारी व ठेकेदार द्वारा मिलीभगत कर व्यक्तिगत लाभ लेने के लिए अविवाहित व अपात्र लोगों के नाम से आवास निर्माण किया गया है। इसके अलावा पुराने शौचालय को रंग रोगन करके नया शौचालय के रूप में स्थापित किया गया है और शौचालय निर्माण की राशि आहरण कर ली गई है, साथ ही 2 वर्ष से अधूरे मकान को पूर्ण बताकर हितग्राहियों की मजदूरी राशि गबन कर ली गई है। प्रार्थी सूर्या के अनुसार जिला पंचायत बिलासपुर को बार-बार शिकायत करने के बाद भी किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई तब मामले को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष लाया गया है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने उक्त विषय पर जांच कर 4 सप्ताह के भीतर जांच करने का आदेश दिया था, लेकिन कलेक्टर, जिला पंचायत कार्यालय द्वारा किसी प्रकार की जांच एवं कार्यवाही नहीं की गई। इसी संबंध में 30 जुलाई को जिला कलेक्टर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी, पुलिस अधीक्षक बिलसपुर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी विकास खंड बिल्हा को आवेदन दिया गया था, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रार्थी जीत कुमार सूर्या का कहना है कि यदि 1 सप्ताह के भीतर न्यायिक रूप से जांच नहीं की गई तो वह अपने परिवार सहित आत्महत्या कर लेगा। जिसकी जवाबदारी जिला कलेक्टर, जिला पंचायत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व जिला प्रशासन के अधिकारियों की होगी।

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