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हसदेव को बचाने की मांग पर बिलासपुर में निकली बड़ी रैली, कलेक्ट्रेट में सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

हसदेव अरण्य को बचाने की मांग पर बिलासपुर में रैली निकली।

बिलासपुर। हसदेव बचाओ आंदोलन के 18वें दिन आज बड़ी संख्या में शहर के नागरिकों ने रैली में स्व-स्फूर्त भाग लिया। सभी नागरिक लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में दोपहर तीन बजे एकत्र हुए और कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

बिलासपुर के नागरिकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि हसदेव हसदेव अरण्य के क्षेत्र में कोल ब्लॉकों को दी गई अनुमति निरस्त की जाए। बिलासपुर के नागरिकों ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ हसदेव क्षेत्र के निवासियों की नहीं, बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के सभी नागरिकों की है। यदि हसदेव के जंगल उजाड़े जाएंगे तो बिलासपुर, कटघोरा, कोरबा और जांजगीर-चांपा का बड़ा क्षेत्र प्रभावित होगा। इस क्षेत्र का भूजल स्तर रसातल में चला जाएगा। शहरी क्षेत्र में नागरिकों के लिए पेयजल आपूर्ति समाप्त प्राय हो जाएगी।

इसके अलावा मानसून का चक्र गड़बड़ हो जाएगा। लाखों हेक्टेयर खेती प्रभावित होगी। बिलासपुर लोगों ने अब यह समझ लिया है और इसीलिये हसदेव के जंगलों को बचाने के लिए सभी नागरिक एकजुट हो गए हैं। आज की रैली में नागरिकों ने शासन को बता दिया कि उसे जनता की मांगों को मानना ही होगा।

आज की रैली का नेतृत्व करने वाले आंदोलनकारियों में प्रमुख रूप से किरणपाल सिंह चावला, प्रकाश सोंथलिया, चंद्रप्रदीप बाजपेयी, सतराम जेठमलानी, राजेश खरे, डॉ रश्मि बुधिया, डॉ मनीष बुधिया, संदीप गुप्ता, राकेश खरे, अमित वासुदेव, श्रेयांश बुधिया संजय आयल सिंघानी गांधीजी, अंकित, जितेन्द्र कमाविसदार, मोहम्मद हसन रिजवी, प्रदीप नारंग इत्यादि थे।

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