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सांसद साव ने सीएम को पत्र लिखा; एयरपोर्ट के अधूरे कार्यों के लिये राशि जारी करने की मांग

सांसद अरुण साव एयरपोर्ट के अधिकारी के साथ चकरभाठा में।

4सी कैटेगरी के लिये अधिकारियों को तैयारी का निर्देश देने का अनुरोध, तकनीकी कमी दूर करने केन्द्रीय मंत्री को भी पत्र लिखा

बिलासपुर। सांसद अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर बिलासपुर हवाई अड्डे के अधूरे कार्यों के लिये 1 करोड़ 22 लाख रुपये जारी करने तथा इसे 4सी लाइसेंस के हिसाब से तैयार करने के लिये अधिकारियों को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।

साव ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय द्वारा उड़ान योजना के तहत बिलासपुर-भोपाल-बिलासपुर रूट की स्वीकृति मिलने के बाद बीते 26 अगस्त को चकरभाठा हवाई अड्डे का निरीक्षण किया था और एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि 3सी कैटेगरी के लायक एयरपोर्ट तैयार करने के लिये शेष कार्य राशि आबंटन के अभाव में ठप पड़े हैं। पूर्व में लोक निर्माण विभाग ने विभिन्न कार्यों केलिये 1 करोड़ 61 लाख रुपये का टेंडर जारी किया था। स्वीकृति की प्रत्याशा में अब तक 1 करोड़ 75 लाख रुपये के कार्य कराये जा चुके हैं। अभी करीब 1 करोड़ 22 लाख रुपये का कार्य होना शेष है, जिसके लिये राज्य के लोक निर्माण विभाग व विमानन विभाग को भेजा गया था। इस पर स्वीकृति मिलना बाकी है। क्षेत्र की जनता के साथ आप भी चाहते हैं कि दिल्ली, मुम्बई जैसे महानगरों के लिये नियमित व किफायती उड़ान सेवा क्षेत्रवासियों को जल्द से जल्द सुलभ हो। यह तभी संभव होगा जब बिलासपुर 4सी लाइसेंस मिले। इसके लिये 2600 मीटर रन-वे 45 मीटर की चौड़ाई के साथ होना चाहिये। साथ ही 300 से अधिक यात्रियों के हिसाब से भवन, लाउंज, पार्किंग एरिया की भी आवश्यकता होगी। चकरभाठा एयरपोर्ट के लिये वर्तमान में 300 एकड़ जमीन अधिग्रहित है। 4 सी कैटेगरी के लिये करीब 100 एकड़ भूमि की और आवश्यकता होगी।

अतएव बिलासपुर एयरपोर्ट के 3सी कैटेगरी के अधूरे कार्यों के लिये आबंटन जारी करने का कष्ट करें और 4सी लाइसेंस के लिये आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दें।

केन्द्रीय मंत्री को भी लिखा पत्र

सांसद साव ने केन्द्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को पत्र लिखकर चकरभाठा हवाई अड्डे में दिशा और मौसम की सूचना देने वाले यंत्रों डीवीओआर तथा एचपीडीएमई स्थापित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सिविल एवियेशन के डायरेक्टोरेट की अंतिम ऑडिट रिपोर्ट में इन यंत्रों की स्थापना विमानों के सुचारू संचालन के लिये आवश्यक बताया गया था। इस सम्बन्ध में उन्होंने 19 दिसम्बर को भी पत्र लिखकर अनुरोध किया था। इसके लिये सीएसआर फंड का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

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