गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय) की उपलब्धियों में एक और नाम राष्ट्रीय शैक्षणिक निपेक्षागार (नैड) भी जुड़ गया है।

कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता की पहल पर राष्ट्रीय अकादमिक निक्षेपागार के माध्यम से अब नैड से सीयू की वेबसाइट को जोड़ दिया गया है। अब दुनिया में कहीं भी बहुमूल्य अकादमिक दस्तावेजों को एक क्लिक के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत शुरू हुए इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के समस्त अकादमिक दस्तावेज जिनमें अंकसूचियां व उपाधियां शामिल हैं एक कंप्यूटर प्लेटफॉर्म पर डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध रहेंगी। इसे जरूरत होने पर वेबसाइट पर लॉग इन करने के पश्चात डाउनलोड किया जा सकता है।

विश्वविद्यालय में नेशनल एकेडेमिक डिपाजिटरी प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है। इस प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी संयुक्त कुलसचिव एवं प्रभारी परीक्षा नियंत्रक एच.एन. चौबे को बनाया गया है।

नैड पर शैक्षणिक प्रमाण पत्र व डाटा अपलोडिंग सतत चलने वाली प्रक्रिया है। इसके लिए निर्धारित प्रारूप पर सेवा स्तर अनुबंध किया जा चुका है। संस्थाएं अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र, आंकड़े आदि दिनांक 30 सितम्बर, 2019 तक निःशुल्क अपलोड कर सकती हैं। वहीं छात्रों के लिए 27 वर्ष की उम्र तक सेवा निःशुल्क रहेगी। कोई भी छात्र 27 वर्ष की उम्र तक अपने प्रमाण पत्र नैड की वेबसाइट पर लागिन कर निःशुल्क देख सकता है। साथ ही एक बार डाउनलोड व प्रिंट कर सकता है।

सत्र 2017-18 से छात्रों को उनके प्रवेश के समय आधार नंबर उपलब्ध कराने की अपील की गई है, जिससे उनकी डिग्री को उनके आधार नंबर से लिंक किया जा सके। प्रथम चरण में 2013-14 से 2017-18 तक के सभी उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का डिग्री/डिप्लोमा से संबंधित डाटा तैयार किया जा रहा है जिसमें से सत्र 2015-16 परीक्षा वर्ष 2016 की टेस्टिंग पूर्ण हो चुकी है।

इस निक्षेपागार में देश के समस्त परीक्षा संबंधी सांविधिक निकायों द्वारा जारी किए जाने वाले शैक्षणिक प्रमाण पत्र, उपाधि, प्रतिलिप्यांतरित प्रमाण पत्र डिजिटल प्रतिरूप में इस कॉमन प्लेटफार्म पर ऑनलाइन जमा होंगे।

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी नैड को लिंक कर दिया गया है तथा विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाताओं/विभागाध्यक्षों को समस्त छा/छात्राओँ के बीच नैड के व्यापक प्रचार/प्रसार किये जाने हेतु विश्वविद्यालय के द्वारा अनुरोध किया गया है।   आने वाले वर्षों में छात्र-छात्राओं को साक्षात्कार अथवा अन्य चयन स्थानों पर अपने दस्तावेजों को प्रत्यक्ष रूप में प्रस्तुत करने से निजात मिलेगी। साथ ही सस्थाएं स्वयं दस्तावेजों का वेरिफिकेशन इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर सकेंगी।

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