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गुटखा, तम्बाकू रोकने के लिए कोटपा एक्ट का प्रभावी अमल जरूरी, सरकारी विभागों के अधिकारी कर्मचारियों की कार्यशाला में विशेषज्ञों की सलाह

प्रतीकात्मक चित्र।

बिलासपुर। तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ जिला स्वास्थ्य समिति स्वास्थ्य एवं परिवार विभाग, बिलासपुर ने एक दिन की जिला स्तरीय अंतर्विभागीय उन्मुखीकरण कार्यशाला रखी।

इसका उद्घाटन करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी बी बोडे ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य जन जागरूकता को बढ़ाने के साथ-साथ कोटपा एक्ट 2003 की धारा 4 से 9 तक को प्रभावी रूप से अमल में लाना है। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान गुटखा-तंबाकू के साथ साथ  नशे के अन्य साधनों  को रोकना है। खासकर नई पीढ़ी को इस आदत से दूर करने का काम भी करना है जिससे एक स्वस्थ भारत का निर्माण हो।  तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के डॉ. अनिकेत कौशिक ने कहा कि निकोटीन के प्रभाव से निकला जा सकता है जिसके अनेक उपाय हैं। लोगों के बीच जाकर समझ बनानी होगी और उन्हें  नशे से होने वाली हानियों के बारे में समझ को स्पष्ट करवाना होगा । इसके लिए सरकार को कठोर नीतियां भी बनानी होगी। नशे के विरुद्ध की जा रही जानकारियों को भी फैलाना होगा। सार्वजनिक स्थलों पर नशे के साधनों की  बिक्री को रोकना होगा।मानसिक चिकित्सालय  सेंदरी के सलाहकार प्रशांत पांडे ने बताया कि ज्यादातर सहकर्मियों का दबाव नशा करने के लिए प्रेरित करता है । नशे के दुष्परिणाम से लोग परिचित नहीं होते हैं। जब पता चलता है ,काफी देर हो चुकी होती है ।इसलिए अपने साथियों का चयन सोच समझ कर करना चाहिए।

कैंसर हॉस्पिटल अपोलो  बिलासपुर के सर्जन  डॉ  अमित  वर्मा ने तंबाकू के दुष्प्रभाव पर  पावर प्वाइंट के माध्यम से  लोगों की समझ को बढ़ाया।

रायपुर से आई तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की राज्य विधिक सलाहकार एडवोकेट ख्याति जैन ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से लोगों की विधिक समझ को विकसित किया। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास ,स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, जिला पंचायत  एवं  रेलवे के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया । कार्यक्रम का संचालन डॉ अनुपम नाहर ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में  अरुण मंडल व डॉ कमलेश की सराहनीय भूमिका रही।

 

 

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