केन्द्रीय विवि के प्रवास पर पहली बार पहुंचे कुलाधिपति के स्वागत में समारोह

गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रवास पर पहुंचे कुलाधिपति प्रो. अशोक गजानन मोदक ने कहा कि यदि मैंने मुम्बई में पाप किए हैं तो यहां आकर धोने का अवसर मुझे मिला है लेकिन यहां मैंने यदि भाषण में किसी प्रकार की गलती की तो पाप धोने के लिए कोई अन्य स्थान नहीं मिलेगा।

कुलाधिपति के विश्वविद्यालय में प्रवास पर आज एक स्वागत समारोह रखा गया था। इस अवसर पर गुरु घासीदास के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की सराहना करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त रूढियों के विरोध और इंसान में इंसानियत की समझ विकसित करने की वजह से गुरु घासीदास के  हम कृतज्ञ हैं। उन्होंने देश में जो कार्य किए उसकी शुरूआत उपनिषद् काल से हो गई थी। राजा राम मोहन राय ने भी 19वीं सदी में इसी दिशा में कार्य किया।

प्रो. मोदक ने कहा कि अधोसंरचना का विकास पूरक होता है, पर्याय नहीं। अधोसंरचना के विकास का सम्बन्ध छात्रों के विकास से है। विश्वविद्यालय में अच्छा फीडबैक देने के लिए अच्छे विद्यार्थी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि कुलपति के नेतृत्व में लोग यहां एकजुट होकर कार्य कररहे हैं यह हर्ष का विषय है। कुलपति ने सामूहिकता का उल्लेख किया, जो गर्व की बात है।

कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता ने कुलाधिपति मोदक का स्वागत करते हुएकहा कि नवरात्रि पर्व के अवसर पर उनका पहला प्रवास हुआ है। उनके आने से विश्वविद्यालयमें स्फूर्ति और ऊर्जा का संचार हुआ है। प्रो. गुप्ता ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि यहां 32 विभागों के माध्यम से 95 शैक्षणिक व शोध कार्यक्रम संचालित हैं। दो शोध केन्द्र और बड़ी संख्या में शोध परियोजनाएं चल रही हैं। यहां के पाठ्यक्रमों में विविधता है जो समाज की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता रखता है।

स्वागत उद्बोधन में कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि हम उनके आगमन से गौरवान्वित हैं। इस मौके पर अतिथियों ने मंच से जीजीवी न्यूज लेटर के छठवें अंक का विमोचनकिया। प्रो. मोदक को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ एमएन त्रिपाठी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक गरिमा तिवारी ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here