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राज्यसभा में कोयला मंत्री ने स्वीकार किया, जिंदल से अधिग्रहित खदान का हो रहा रायगढ़ में जन-विरोध

विवेक तन्खा, राज्यसभा सदस्य जबलपुर।

सांसद विवेक तन्खा ने किया था सवाल

रायपुर। मध्य प्रदेश के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा में रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक में गारे पालमा कोयला खानों में किए जा रहे अवैध खनन का ब्यौरा एक प्रश्न के माध्यम से मांगा। उन्होंने पूछा कि क्या यह सच है कि स्थानीय लोग इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं यदि हां तो इसका कारण क्या है और पारिस्थितिकी का इस पर क्या प्रभाव है। छत्तीसगढ़ में अवैध खनन को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं।

इन प्रश्नों के जवाब में संसदीय कार्य कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि एसईसीएल के अंतर्गत गारे पालमा के आईवी 2 और 3 कोयला खानों में अवैध उत्खनन की कोई सूचना नहीं है। गारे पालमा सेक्टर 2 महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड को आवंटित किया गया है। लंबित मुद्दे के कारण इस समय खदान गैर उत्पादक है। इसके संबंध में अवैध कोयला खनन या जन विरोध की कोई सूचना नहीं है।

एसईसीएल वर्तमान में पालमा आई वी 2 और 3 ओपन कास्ट कोयला खानों का संरक्षक है जिसका पूर्व में स्वामित्व जिंदल पावर लिमिटेड का रहा है। परियोजना से प्रभावित लोग उपयुक्त परियोजना का विरोध कर रहे हैं और कोल इंडिया लिमिटेड की नीति अपनाने की मांग कर रहे हैं। यद्यपि एसईसीएल ने उक्त परियोजना के लिए किसी का भूमि अधिग्रहण नहीं किया पर स्थानीय लोग कोल इंडिया की नीति के अनुसार पुनर्वास, रोजगार और अन्य लाभ मांग रहे हैं।

जवाब में बताया गया है कि एसईसीएल के फील्ड क्षेत्रों में अवैध खनन की कोई सूचना नहीं है फिर भी कोयला का अवैध खनन रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी, राज्य होमगार्ड, औद्योगिक सुरक्षा बल, त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की बटालियन की मंजूरी दी गई है। राज्य के अधिकारियों से निकट संपर्क रखा जाता है और क्षेत्रीय स्तर पर नियमित बैठक रखी जाती हैं। प्रवेश बिंदुओं पर चेकपोस्ट हैं जहां 24 घंटे सुरक्षाकर्मी देते हैं। जहां वैकल्पिक मार्ग मौजूद है वहां भारी वाहनों को रोकने के लिए बैरियर लगाए गए हैं और पुलिस की मदद ली जा रही है, छापे मारे जा रहे हैं और एक मोबाइल एप्लीकेशन- ‘खान प्रहरी’ भी प्रारंभ किया गया है।

छत्तीसगढ़ को जीएसटी प्रतिपूर्ति का समय-समय पर भुगतान हो रहा- वित्त राज्य मंत्री का जवाब

राज्यसभा में सांसद विवेक तन्खा ने छत्तीसगढ़ में जीएसटी राजस्व की प्रतिपूर्ति के संबंध में प्रश्न उठाया, जिस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब दिया है की प्रतिपूर्ति का भुगतान मासिक राजस्व के आधार समय-समय पर किया जा रहा है।

राज्यसभा सदस्य तन्खा ने पूछा था कि वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 तथा 2020-21 में छत्तीसगढ़ राज्य ने कुल कितना जीएसटी राजस्व संग्रह किया है। छत्तीसगढ़ राज्य को कितने अंतराल में जीएसटी राजस्व की प्रतिपूर्ति की गई, क्या छत्तीसगढ़ राज्य को जीएसटी राजस्व की प्रतिपूर्ति में कोई कमी और विलंब हुआ है और हां तो उसके क्या कारण है?

वित्त राज्य मंत्री चौधरी की ओर से बताया गया है की सन् 2018-19 में 22 हजार 932, 2019-20 में 24 हजार 160 तथा 2020-21 में 24 हजार 419 करोड़ रुपये का सकल जीएसटी राजस्व संग्रह किया गया जिनमें सेंट्रल जीएसटी स्टेट जीएसटी और आईजीएसटी शामिल है।

जवाब में यह भी कहा गया है कि सीजीएसटी को भारत सरकार के समेकित कोष में जमा किया जाता है, जबकि स्टेट जीएसटी को संबंधित राज्यों के समेकित कोष में जमा किया जाता है। आईजीएसटी का केंद्र और राज्य के बीच मासिक आधार पर उपभोग के स्थान और प्रति-उपयोगिता के आधार पर निपटान किया जाता है जैसा कि माल और सेवा निधि निपटान नियम 2017 के तहत परिकल्पना की गई है। शेष अविभाजित राशि के आधार पर समय-समय पर तदर्थ आधार पर केंद्र और राज्यों के बीच 50-50 के अनुपात में तथा राज्यों के उस वित्त वर्ष के दौरान संरक्षित किए जाने वाले मासिक राजस्व के आधार पर अनंतिम अथवा अग्रिम निपटान किया जा रहा है।

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