जरहाभांठा स्थित अनुसूचित जनजाति बैगा हास्टल की छात्राओं ने कलेक्टोरेट पहुंचकर छात्रावास अधीक्षिका के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी, इस मामले में नया खुलासा हुआ है। उन्होंने शिकायत के लिए छात्रावास की ही एक सीनियर छात्रा द्वारा दबाव डाले जाने की बात जांच में बताई है।

मंदिर चौक जरहाभाठा के पास स्थित कमला नेहरू अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास की छात्राओं ने कलेक्टोरेट पहुंचकर हॉस्टल अधीक्षिका अल्पना तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार चाइल्डलाइन टीम के साथ जरहाभाठा स्थित बैगा हास्टल पहुंची और छठवी से लेकर नवमीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्राओं से पुछताछ कर उनकी समस्याएं सुनी। छात्राओं के जवाब सुन टीम के सदस्य हैरान रह गए। छात्राओं ने खुलासा किया कि उनकी सीनियर अनिता दीदी उन्हें धमकाकर कलेक्टर कार्यालय ले गई। टीम ने छात्राओं से सीधे बात कर बयान लिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अनिता दीदी ने पुरानी अधीक्षिका ध्रुव मैडम को वापस लाने को कहा। चाहल्डलाइन काउंसलर तृप्ति दुबे ने बताया कि छात्रों के बयान के आधार पर चाइल्ड लाइन की टीम रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर पी दयानंद को रिपोर्ट सौपेगी।

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छात्राओं ने अधीक्षिका अल्पना तिवारी के खिलाफ छुआ-छूत, भेदभाव, भरपेट खाना न देने, मारपीट करने, तबियत खराब होने पर न हॉस्पिटल न लेजाने व दवा न देने सहित अनेक गंभीर आरोप लगाए थे। अधीक्षिका तिवारी ने छात्राओं के शिकायत को निराधार बताया था और आरोप लगाया था कि इस शिकायत के पीछे पूर्व अधीक्षिका अनुराधा ध्रुव का हाथ है। वह कई माह से यहां से रिलीव होने से बच रही थी। हाल ही में उसे रिलीव किया गया तो सुनने में आया कि वह मेडिकल लीव पर चली गई है, जिस छात्रा अनिता ध्रुव ने शिकायत की है, वह चार दिन पहले ही हॉस्टल आई है।

 

 

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