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फसल बीमा के नाम पर किसानों से ठगी कर रही सरकार, बारिश के बीच गौरेला में गरजे डॉ. महन्त

गौरेला में बारिश के बीच कांग्रेसियों का प्रदर्शन

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत के नेतृत्व में सोमवार को कांग्रेसियों ने गौरेला एसडीएम कार्यालय के जोरदार प्रदर्शन किया। बारिश के बीच हुए इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और किसान शामिल हुए। उन्होंने राज्यपाल के नाम पर एसडीएम नूतन कंवर को ज्ञापन सौंपकर फसल बीमा और सूखा राहत का तत्काल लाभ किसानों को देने की मांग की।कार्यकर्ता संजय चौक से पैदल मार्च करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे।

इस मौके पर डॉ. महन्त ने कहा खाद, बीज और कीटनाशक में कालाबाजारी हो रही है। ये खराब गुणवत्ता की हैं। फसल बीमा और सूखा राहत के नाम पर खुली ठगी हो रही है। बीज का कृत्रिम संकट पैदा किया गया है, बीजों का अंकुरण 40 प्रतिशत ही हो रहा है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसानों के नाम पर झूठ की राजनीति कर रहे हैं। बिलासपुर जिले के किसानों का खून इन्हें पानी नजर आ रहा है। तभी राजनांदगांव को 465 करोड़ रुपए बीमा दिया गया और बिलासपुर में सिर्फ 80 करोड़। एक महिला कृषक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें  415 रु. 90 बीमा की राशि मिली।  प्रति हेक्टेयर 43 हजार रु. का बीमा कराने वाली सरकार ने मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र के किसानों को 85 पैसा व 40 पैसा तक की बीमा राशि दी है। यह किसानों के खून पसीने का उपहास और उनका शोषण है।

मोबाइल वितरण अपना झूठा प्रचार करने के लिए

महन्त ने कहा कि मोबाइल वितरण कर भाजपा अपना झूठा प्रचार करेगी और आप के खातों के नंबर और गोपनीय जानकारी एकत्र की जाएगी। किसानों को घोषणा के अनुसार 2400 रुपए क्विंटल धान का दाम दे,किसान खुद ही मोबाइल खरीद लेंगे। कोटमी में राहुल गांधी की सभा में की गई घोषणा को दोहराते हुए डॉ. महन्त ने कहा कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा और बिजली बिल आधा कर दिया जाएगा। किसानों का पानी किसानों को दिया जाएगा, जिसे भाजपा सरकार ने छीनकर उद्योगपतियों को सौंप दिया है।

फूड पार्क बनने नहीं दिया रमन सरकार ने

महंत ने कहा कि प्रदेश में हर साल 50 हजार करोड़ रुपए की फल, सब्जी, मछली, दूध खराब हो जाते हैं, जिसके लिए यूपीए सरकार ने राज्य में दो मेगा फूड पार्क बनाने की योजना मंजूर की थी लेकिन रमन सरकार ने इस जनहित की योजना को जमीन, बिजली, मंजूरी आदि में उलझा दिया। इससे वह एजेंसी काम ही नहीं कर सकी। किसानों की अनदेखी करने वाली इस सरकार ने सिपाही से लेकर कलेक्टर तक को शराब बेचने में लगा दिया है। इनकी सक्रियता और प्राथमिकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। देश के प्रधानमंत्री कांग्रेस को मुस्लिम पुरुषों की पार्टी बताते हैं। द्वेष फैलाने और धर्म के आधार पर लड़ाने की राजनीति करते हैं। अपने वायदों और देश में विकास की बात क्यों नहीं करते, यह आप सबको और देश-प्रदेश की जनता को समझना है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष पांडेय ने खराब मौसम के बाद भी किसानों के भारी संख्या में आंदोलन में भाग लेने को किसान जागरूकता का परिणाम बताते हुए कहा कि देश में जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करने और लड़ाने वालों को अब किसानों के परिश्रम और विकास का हिसाब देना होगा।  जिला कांग्रेस विजय केशरवानी ने कहा कि पिपराही गांव के आदिवासी किसान सुरेश मरावी ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। इसमें लीपा-पोती करने में जितनी सक्रियता सरकार ने दिखाई उतनी किसानों के हित में क्यों नहीं दिखाती?मरवाही, गौरेला, पेन्ड्रा और कोटा के कार्यकर्ता और किसान इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शामिल हुए।

 

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