बिलासपुर। हाईकोर्ट ने बिलासपुर के पूर्व कलेक्टर पी दयानंद के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है।

कोटा तहसील के ग्राम  मटसगरा के गेंद राम गिरी के 40 वर्ष से अनवरत कब्जे की जमीन का 0.80 डिसमिल टुकड़ा राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके टिकरीपारा के शत्रुहन लाल ने टिकरीपारा निवासी शांतिपुर के घनश्याम को बेच दिया। बाद में पटवारी, राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार से मिलीभगत कर उसने अवैध रूप से नाप-जोख कराया और सीमांकन करा लिया। आवेदक गेंद राम के कब्जे की भूमि पर बने बाउंड्री वाल और निर्माणाधीन मंदिर को अवैध रूप से तोड़ दिया गया।  इसके बाद याचिकाकर्ता ने कलेक्टर बिलासपुर को 23 अक्टूबर 2017 एवं 27 नवंबर 2017 को आवेदन दिया लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

कार्रवाई नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की। उन्होंने निवेदन किया कि राजस्व अधिकारी जो इस मामले में जिम्मेदार थे उनके खिलाफ विभागीय जांच की जाए और शत्रुघ्न दास के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाए याचिकाकर्ता ने छति पूर्ति के रूप में पांच लाख रुपये क्रेता विक्रेता की ओर से दिलाने की मांग की।

मामले में सुनवाई करने के बाद 10 जुलाई 2018 को हाईकोर्ट ने आदेश किया कि याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार कर बिलासपुर कलेक्टर प्रकरण का 4 सप्ताह के भीतर उचित निराकरण करें। उक्त समयावधि में कोई उचित कार्रवाई नहीं किए जाने के चलते याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर को एक बार और अवसर हाईकोर्ट ने प्रदान किया। इसके बावजूद भी कलेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की इस संबंध में 28 सितंबर 2018 को न्यायालय के आदेश की उन्होंने अवहेलना की।

इससे क्षुब्ध होकर आवेदक ने 19 जनवरी 2019 को फिर एक अवमानना याचिका हाई कोर्ट में पेश की।

इस मामले में 15 फरवरी, 18 फरवरी, 22 फरवरी, 7 मार्च और 19 मार्च को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता संतोष पांडे द्वारा हाई कोर्ट के समक्ष तर्क दिया गया कि अवमाननाकर्ता पूर्व कलेक्टर बिलासपुर पी दयानंद के द्वारा इस मामले में जानबूझकर उच्च न्यायालय के आदेश निर्देशों की अवहेलना की गई है। कलेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की और विचाराधीन भूमि का सीमांकन भी नहीं कराया गया। याचिकाकर्ता ने जनदर्शन में कई बार आवेदन दिया लेकिन उसपर भी कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि इसमें राज्य शासन के उस सर्कुलर की अवहेलना की गई जिसमें कहा गया है कि भूमि का सीमांकन का मामला 3 माह के भीतर निपटाना चाहिए।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आईएएस पी दयानंद कई बार अवमानना करने वाले अधिकारी हैं। उनके द्वारा अन्य मामलों पर भी हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया। यह मामला राजस्व अधिकारियों द्वारा पद का दुरुपयोग करने का है, जिसमें पूर्व कलेक्टर पी दयानंद को अवमानना नोटिस जारी होना चाहिए।

इस पर हाई कोर्ट ने अवमाननाकर्ता पूर्व कलेक्टर बिलासपुर को उनके नाम से कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया और कहा कि क्यों न उसके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाए।

 

 

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