24 पाठ्यक्रमों को यूजीसी से मिली मान्यता

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो ने डॉ सीवी रामन् विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा की मान्यता प्रदान की है। 24 पाठ्यक्रम संचालित करने के साथ सीवीआरयू मध्य भारत का सबसे अधिक पाठ्यक्रम संचालित करने वाला विश्वविद्यालय बन गया है।

विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा के निदेशक अरविंद तिवारी ने बताया कि नए सत्र के लिए देशभर के 116 विश्वविद्यालयों ने दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम संचालन के अनुमति मांगी थी।  यूजीसी की 27 सितंबर 2018 को आयोजित बैठक के बाद 3 अक्टूबर को डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो (डीईबी) ने मान्यताओं की दूसरी सूची जारी की है। इसमें देश के 75 विश्वविद्यालय शामिल हैं।

इन्हीं में डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय को प्रदेश में सबसे अधिक 24 पाठ्यक्रमों को संचालित करने की मान्यता प्रदान की गई है। यूजीसी की बेवसाइट में  मान्यता और पाठ्यक्रम की सूची उपलब्ध है।

यूजीसी ने देशभर में दूरस्थ शिक्षा के संचालन एवं मान्यता  को  अपग्रेड करने के लिए प्रस्ताव मांगे थे, जिसमें वर्ष 2018-2019 के लिए देशभर के 116 विश्वविद्यालयों ने प्रस्ताव जमा किया था। यह वे ही विश्वविद्यालय हैं जो कि बीते सत्र में दूरस्थ शिक्षा संचालित कर रहे थे, एवं नैक प्रत्यायित विश्वविद्यालय हैं। पहली सूची में आयोग ने 53 विश्वविद्यालयों को अनुमति प्रदान की थी। 3 अक्टूबर को जारी की गई सूची में पूर्व के 53 विवि को शामिल कर अब तक कुल 75 विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान की गई है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि  2009 से दूरस्थ शिक्षा के पाठ्यक्रम संचालित कर रहा था, जिसकी मान्यता 2009 से 2018 तक सतत रूप से विवि के पास थी। वर्तमान में पूव अनुमोदित पाठ्यक्रमों के अलावा 24  पाठ्यक्रम की मान्यता प्रदान की गई है। विवि दूरस्थ शिक्षा में बेहतर रूप से सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर अंतिम छोर में रहने वाले विद्यार्थियों तक गुणवत्तापूर्व उच्च शिक्षा पहुचाने के लिए संकल्पित है।

इन 24 कोर्स की मिली मान्यता-

एमबीए, बीए, बीबीए, बी कॉम, बीसीए, बीजेएमसी, बी.लिब, बीएससी-बायोलॉजी, बीएससी-कम्यूटर सांइस, बीएससी-गणित, एमए-इग्लिश, एमए-अर्थशास्त्र, एम-हिन्दी, एमए-इतिहास, एमए-राजनीति, एमए-संस्कृत, एमए-समाजशास्त्र, एमकॉम, एमएससी-केमेस्ट्री, एमएससी-आईटी, एमएससी-गणित, एमएससी -फिजिक्स, एमएससी-कम्यूटरसाइंस और एमएसडब्लू।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here