राजकीय शोक के दौरान जश्न मनाने को लेकर आलोचना 

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संस्थापक अजीत जोगी चुनाव चिन्ह लेकर आज बिलासपुर पहुंचे। रेलवे स्टेशन से लेकर मरवाही सदन तक सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गुलाल और गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया।

इसके पहले ही राज्यपाल बलराम दास टंडन के निधन के कारण प्रदेश में राजकीय शोक घोषित कर दिया गया था। स्वागत के कार्यक्रम में इसके बावजूद बदलाव नहीं किए जाने को लेकर जोगी समर्थकों को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।


छजका प्रमुख अजीत जोगी हल चलाता किसान चुनाव चिन्ह मिलने के बाद आज पहली बार शहर आए। उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में समर्थक और कार्यकर्ता उपस्थित थे। समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। कार्यकर्ता हाथों में गुलाबी रंग का हल साथ रखे थे और चेहरे पर खुशी की लहर थी। कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ विधायक प्रत्याशी अनिल टाह ने शहर के राजेन्द्र नगर में स्वागत किया। इसके बाद समर्थक और कार्यकर्ता सत्यम चौक पहुंचे वहां भव्य स्वागत के बीच आतिशबाजी की गई। इसके बाद जोगी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ मरवाही सदन पहुंचे।

इस दौरान जनता कांग्रेस के धर्मजीत सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार जनता के वादों को पूरा नहीं कर पाई। जनता की आशाओं और किसानों, मजदूरों युवाओं की खुशहाली के लिए यह पार्टी बनाई गई है, जिसका चुनाव चिन्ह हल चलाता किसान खुशहाली और अस्मिता का प्रतीक है। बिलासपुर सीट से पार्टी के प्रत्याशी ब्रजेश साहू ने कहा कि जनता कांग्रेस का चुनाव चिन्ह छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता का प्रतीक है। साथ ही हल चलाता किसान चुनाव चिन्ह मिलने से जोगी कांगेस के समर्थकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

इधर कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने कहा कि राज्यपाल के निधन के चलते प्रदेश में राजकीश शोक है लेकिन राज्य की बागडोर संभाल चुके पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए सामाजिक सरोकार भूल रहे हैं। अजीत जोगी के स्वागत में रेलवे स्टेशन से नेहरू चौक तक जिस तरह से गुलाल की होली खेली गई है वह पूरे लोकतांत्रिक मूल्यों को शर्मसार कर देने वाली है।

 

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