याचिका में कहा गया है -बिजली लाइन काफी नीचे होने और ग्रामीणों द्वारा करंट बिछा देने के कारण हो रही दुर्घटनाएं

बिलासपुर हाईकोर्ट ने करंट लगने से 34 हाथियों की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सिंघवी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सन् 2005 से 2017 के बीच छत्तीसगढ़ में 103 हाथियों की मौत हुई है, जिनमें से 34 की बिजली का करंट लगने से हो गई। हाथी विचरण क्षेत्र में बिजली लाइन काफी नीचे होने के कारण और कई बार ग्रामीणों द्वारा करंट प्रवाहित तार बिछा देने के कारण ये मौतें हुईं। धरमजयगढ़ वन मंडल के नारंगी वन क्षेत्र में 11 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन बहुत नीचे से गुजर रही थी, जिसे ठीक करने के लिए सन् 2012 से विद्युत वितरण कंपनी को वन विभाग पत्र लिख रहा था लेकिन ठीक नहीं किया गया।एक हथिनी की मौत इसके चपेट में आने से हो गई, जो पानी पीने के लिए तालाब की मेढ़ पर चढ़ रही थी।इसी तरह सन्ना क्षेत्र में तीन हाथियों की करंट छू लेने से मौत हो चुकी है।  राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में हाथियों के करंट से मौत पर सवाल उठाए जा चुके हैं। याचिका में कहा गया है कि नियमानुसार 33 केवी तक की बिजली लाइन की ऊंचाई 6.1 मीटर से अधिक होनी चाहिए और प्रत्येक 33 के लिए 0.3 मीटर ऊंचाई बढ़ाई जानी चाहिए। याचिका में मांग की गई है कि हाथियों के विचरण वाले वन क्षेत्रों में मानक दूरी का पालन करने का निर्देश विद्युत कंपनी को दिया जाए।

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