बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रसिद्ध भरथरी गायिका सुरूज बाई खांडे की प्रथम पुण्य तिथि पर उन्हें श्रदा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि सुरुज बाई खांडे छत्तीसगढ़ गौरव थीं। सरकार की ओर से उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया जाये।

बीते 9 मार्च को सुरूज बाई खांडे की पुण्य तिथि थी। बिलासपुर उनकी कर्मभूमि रही। जोगी ने कहा कि सुरूज बाई ने अपनी कला के बल न पर सिर्फ देश बल्कि 18 अन्य देशो में भी छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया| बिलासपुर जिले के सामान्य ग्रामीण परिवेश से निकल कर देश विदेश तक अपनी कला के माध्यम से पहचान बनाना उनकी अदम्य इच्छा शक्ति एवं जिजीविषा को साबित करता है | सन् 2000 में उन्हें  देवी अहिल्या बाई सम्मान एवं  मेरे मुख्यमंत्रित्व काल में शासन द्वारा उन्हें दाऊ रामचंद्र देशमुख एवं स्व. देवदास बंजारे स्मृति पुरस्कार दिया गया |

यह बेहद दुखद है कि इतनी संघर्षशील वयक्तित्व की सरकार ने सही आकलन नहीं कर सकी जिसके कारण उन्हें ” पदमश्री ‘” सम्मान नहीं मिला|  उनके प्रति सरकार की सच्ची श्रदांजलि तब होगी जब उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री  सम्मान दिया जाये। साथ ही छत्तीसगढ़ शासन उनके नाम से एक अलग आयोग का गठन करे जिसमें छत्तीसगढ़ के बदहाल लोक कलाकारों की हितो की रक्षा की जा सके |

 

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