संविधान बचाओ साझा सामाजिक मोर्चा का प्रदर्शन

 राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन, रखी 52 प्रतिशत आरक्षण की मांग

संविधान बचाओ साझा सामाजिक मोर्चा ने आज प्रदर्शन कर दिल्ली में संविधान की प्रतिमा जलाने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

मौर्चा के समन्वयक सुरेश दिवाकर व एसटीएससी ओबीसी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष क्रांति साहू ने आज संवैधानिक प्रावधानों का अनादर करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन अम्बेडकर प्रतिमा के सामने से शुरू होकर कलेक्टोरेट तक किया गया।

इस आवेदन में कहा गया है कि जातिगत शोषण वादी मानसिकता के लोग राष्ट्रवाद के नकाब तले भारत के हजारों साल से पीडि़त, शोषित, दबे-कुचले नागरिकों को पुनः शोषण और गुलाम बनाने की भावना से भारतीय संविधान को ही नष्ट करने में लगे हुए हैं। यह देश की एकता अखंडता के लिए खतरा है। ज्ञापन में कहा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री पिछड़ा वर्ग और भारत के राष्ट्रपति के दलित वर्ग से होने के बाद भी पिछड़ों और दलितों पर अत्याचार हो रहा है। देश के राष्ट्रपति के साथ भी छुआछूत भेदभाव की घटनाएं मंदिरों में देखी गई है जो गंभीर परिस्थिति की ओर इशारा करती हैं।

राष्ट्रपति के नाम का इन बिंदुओं को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में मांग की गई है कि-

  1. भारत के संविधान को दिल्ली के जंतर-मंतर में असामाजिक तत्वों द्वारा जलाया गया। उन सभी के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
  2. ओबीसी वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में 52 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।

क.- ओबीसी वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए।

ख.- ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक जिले में छात्रावास की व्यवस्था की जाए।

  1. एससी एसटी एक्ट को नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
  2. आरक्षण के सभी नियमों का सही-सही क्रियान्वयन किया जाए।

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