आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन के आह्वान पर देशभर में 20 जुलाई से शुरू हुई हड़ताल का असर शहर में होने लगा है। बेंगलूरु से आई एक ट्रक टमाटर का भाड़ा आज 90 हजार रुपए का लगा, जिसका आम दिनों में 60 हजार होता है। आज जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर ट्रक यूनियन ने 26 जुलाई की आधी रात से हड़ताल पर जाने की सूचना दे दी है।
बिलासपुर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, परसदा के महासचिव संतोष दुबे ने बताया कि देशव्यापी हड़ताल में उनका संगठन 20 जुलाई से ही शामिल हो गया था, पर स्थानीय पुलिस ने उन पर जबरदस्त दबाव डाला और कहा कि इसके लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई है। हड़ताल अवैध है। हमने हड़ताल रोक दी। लेकिन आज बुधवार को हम कलेक्टोरेट गए थे वहां सूचना देकर आ गए हैं कि 26 जुलाई से हम बेमियादी हड़ताल पर जाएंगे। पेन्ड्रीडीह बायपास से इस हड़ताल पर अमल किया जाएगा।
थोक सब्जी मंडी तिफरा के पदाधिकारी सतीश कश्यप ने bilaspurlive.com को कहा कि सब्जी की गाड़ियां किसी तरह दूसरे मार्गों से अब तक यहां पहुंच रही है, लेकिन भाड़ा अनाप-शनाप हो गया है। बेंगलूरु से टमाटर के ट्रक का भाड़ा 60 हजार रुपए अमूमन होता है, जो बढ़कर अब 90 हजार रुपए हो गया है। लोकल सब्जियों के भरोसे रहना होगा। कुछ दिनों में आवक घटने पर सब्जियों और फलों के दाम में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी। कीमतें बढ़ना एक दो दिन से शुरू हो गया है।
10 हजार ट्रकों की आवाजाही
बिलासपुर ट्रांसपोर्ट नगर से प्रतिदिन करीब 10 हजार ट्रकों की आवाजाही होती है। इनमें 1500 ट्रक बिलासपुर के हैं। हड़ताल में इनका परिवहन ठप पड़ जाने की आशंका है। ट्रक ओनर्स का कहना है कि सब्जी और फल के अलावा दूध और गैस सिलेन्डर की भी आने वाले दिनों में किल्लत होगी। मेडिकल एसोसिएशन ने अभी हड़ताल में साथ नहीं देने की बात कही है, इससे दवाओं की अापूर्ति कम प्रभावित होगी। ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव दुबे का दावा है कि देशभर में करीब एक करोड़ छोटे-बड़े ट्रक हैं, जिनके पहिये थम चुके हैं। बिलासपुर एसोसिएशन भी इसमें अब शामिल होकर आंदोलन को तेज करेगा।