बिलासपुर। प्रदेश में चल रही ओवरलोड ट्रकों पर कार्रवाई की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका आज हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मिलने के बाद निराकृत कर दिया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि ओवरलोड ट्रकों पर सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
याचिका में यह भी कहा गया था कि सड़कों को इन ओवरलोड वाहनों से भारी नुकसान पहुंचता है। सरकार की अधिकारिक जानकारी कहती है कि 10 प्रतिशत अधिक लोड वाहनों से सड़क को 46 फीसदी, 30 प्रतिशत अधिक लोड से 186 फीसदी, 50 प्रतिशत अधिक लोड से 406 गुना और 100 प्रतिशत ओवरलोड से 1500 गुना क्षत्ति सड़कों को पड़ती है। इससे सड़कों के रख-रखाव पर सरकार का खर्च बढ़ जाता है। याचिका में ऐसे कई मामलों का उल्लेख किया गया था कि जहां क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को जुर्माना करना था लेकिन उन्होंने नहीं किया।
ओवरलोड ट्रकें औद्योगिक सामग्री, खनिज सामग्री, खाद्यान्न इत्यादि सभी के परिवहन में चल रही हैं।
इस मामले में शासन की ओर से कई बार जवाब आया। इस बार अतिरिक्त मुख्य सचिव आरपी मंडल की ओर से प्रस्तुत जवाब में बताया गया कि ओवरलोड ट्रकों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है और शासन इसके लिए गंभीर है। उद्योगों को इसके लिये नोटिस भी जारी कर दिये गए हैं शासन की ओर से जवाब आने के बाद याचिका का निराकरण कर दिया गया।
मामले पर आदेश चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी और जस्टिस विमला सिंह कपूर की डबल बेंच ने दिया। शासन की ओर से महाधिवक्ता कनक तिवारी ने पक्ष रखा। याचिकाकर्ताओं की ओर से एनपीएस भाटिया और एचपीएस भाटिया उपस्थित थे।