बिलासपुर । राज्य सरकार द्वारा भाजपा शासनकाल के दौरान सामने आये भ्रष्टाचार के कई मामलों को लेकर बनाई गई एसआईटी के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई आज सरकार की ओर से महाधिवक्ता के पेश नहीं होने के कारण 14 मार्च तक के लिए आगे बढ़ गई। चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई। कोर्ट ने ईओडब्ल्यू के निरीक्षक आर के दुबे के खिलाफ भी दर्ज एफआईआर पर कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। अब नान घोटाले सहित अन्य मामलों की एसआईटी जांच से जुड़ी सभी याचिकाओं पर 14 मार्च को एक साथ सुनवाई होगी।
बीते 14 फरवरी को कौशिक ने प्रदेश सरकार द्वारा नान घोटाले सहित अन्य मामलों में गठित एसआईटी को लेकर जनहित याचिका दायर की थी और कोर्ट से उसकी कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की थी। इस मामले में सुनवाई के लिए आज चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी और जस्टिस विमला सिंह कपूर की डबल बेंच में समय तय किया गया था। कोर्ट में शासन की ओर से आवेदन दिया गया कि महाधिवक्ता कनक तिवारी स्वास्थ्य गत कारणों से आज उपस्थित नहीं हो सकेंगे इसलिये याचिका पर सुनवाई आगे किसी तिथि पर तय की जाये। इस पर चल रही चर्चा के दौरान चीफ जस्टिस त्रिपाठी ने अतिरिक्त महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा से कहा कि वे स्वयं क्यों इस मामले में पैरवी नहीं करते हैं। वर्मा ने असमर्थता व्यक्त की और कहा कि एजी तिवारी ही इस पर बहस करेंगे। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए वर्मा से कहा कि वे लगातार महाधिवक्ता के साथ उपस्थित रहते हैं और स्वयं ही बहस में भाग लेते हैं, फिर सरकार का पक्ष रखने में आपको क्या दिक्कत है? हम इस मामले को जल्दी सुनना चाहते हैं। आखिरकार कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 14 मार्च तक के लिए बढ़ गई। याचिकाकर्ता धरमलाल कौशिक की ओर से महेश जेठमलानी पैरवी करने के लिए आये हुए थे। जेठमलानी ने ही ईओडब्ल्यू के निरीक्षक आर के दुबे की उस याचिका को सुनने का अनुरोध किया, जिसे सिंगल बेंच में निराकृत किया जा चुका है। कोर्ट ने दुबे से कहा था कि वे जांच में सहयोग करे और शासन से कहा था कि एसआईटी उनके खिलाफ पूर्वाग्रहग्रस्त कार्रवाई नहीं करे। जेठमलानी ने बताया कि कोर्ट के उक्त आदेश के बाद भी दुबे के खिलाफ एसआईटी ने दो नई धाराओं पर अपराध दर्ज कर लिया है। इस पर कोर्ट ने एसआईटी से कहा कि वह आज ही नान घोटाले की एसआईटी जांच की डायरी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे। शासन की ओर से कहा गया कि डायरी रायपुर में है, कोर्ट ने कहा कि दोपहर बाद तक रायपुर से डायरी यहां पहुंचाई जा सकती है। पर कोर्ट की सुनवाई जब 3.30 बजे शुरू हुई तो डायरी नहीं पहुंच पाई। कोर्ट ने इस पर आदेश दिया है कि सभी मामलों की सुनवाई 14 मार्च को एक साथ होगी, तब तक एसआईटी दुबे के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर कोई कार्रवाई नहीं करे।
दुबे ने बीते 8 फरवरी को कोर्ट में आवेदन दिया था कि उनसे एसआईटी ने नान घोटाले मे दबाव डालकर आईपीएस मुकेश गुप्ता, रजनेश सिंह आदि के खिलाफ बयान दर्ज कराया है और उन्हें जान का खतरा है। जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने तब दुबे को आंशिक राहत देते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने तथा एसआईटी को पूर्वाग्रह से कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि दुबे के बयान के आधार पर निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता व रजनेश सिंह के खिलाफ नान घोटाले में दस्तावेजों की कूट रचना तथा फोन टैपिंग का अपराध दर्ज किया है। इसके अलावा अंतागढ़ टेप कांड की एसआईटी जांच को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व विधायक मंतूराम पवार ने चुनौती दी है। डॉ. पुनीत गुप्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत की भी अग्रिम जमानत याचिकाएं कोर्ट में लम्बित हैं। अब इन सब मामलों की सुनवाई 14 मार्च को एक साथ होगी।