बिलासपुर। कार्यकारी पुलिस महानिदेशक के रूप में दुर्गेश माधव अवस्थी की नियुक्ति के खिलाफ़ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने आज एक सप्ताह के भीतर राज्य शासन को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के विधायक धर्मजीत सिंह ठाकुर व पूर्व विधायक अमित जोगी द्वारा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर अवस्थी की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना बताया गया है और उनकी नियुक्ति निरस्त करने की मांग की गई है। चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता वाली डबल बेंच में आज इस मामले की सुनवाई हुई।

मिली जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सभी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकारी पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति नहीं करने का निर्देश दे रखा है। यह भी कहा गया है कि यदि किसी विशेष परिस्थिति में इसकी आवश्यकता पड़ती है तो सुप्रीम कोर्ट से निर्देश लिया जाये। इसके बावजूद बिना अनुमति कार्यकारी पुलिस महानिदेशक के तौर पर अवस्थी को नियुक्त कर दिया गया है।

राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता कनक तिवारी ने कहा कि 17 दिसंबर 2018 को सरकार के गठन के बाद पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए तीन दावेदारों की सूची संघ लोक सेवा आयोग को भेज दी गई थी। उनकी ओर से संकेत मिलने पर अवस्थी को महानिदेशक नियुक्त कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट में भी 20 दिसम्बर को इस बारे में आवेदन दिया गया था किन्तु अब तक उस पर विचार नहीं हो पाया है। नियमित महानिदेशक की नियुक्ति एक या दो दिन में होने की संभावना है। याचिकाकर्ताओं ने अवस्थी की नियुक्ति को निरस्त करने की अपील की गई थी। इस पर कोर्ट ने कोई निर्देश नहीं दिया है। राज्य शासन को एक सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

 

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