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शिक्षाकर्मी शासकीय सेवक नहीं, बहू को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया हाईकोर्ट ने

बिलासपुर हाईकोर्ट

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ससुर की मृत्यु के बाद बहू को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि उनके शिक्षाकर्मी पति और जेठ शासकीय सेवक नहीं माने जायेंगे।

सूरजपुर के विकासखंड शिक्षा अधिकारी मनमोहन सिंह का सेवाकाल के दौरान 2018 में मौत हो गई थी। राज्य शासन ने वर्ष 2016 में नियम बनाया था कि ससुर की मौत के बाद बहू को अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी। याचिकाकर्ता मृतक की बहू श्वेता सिंह ने 2019 में अनुकंपा नियुक्ति के लिये आवेदन दिया। 2 जून 2021 को उन्हें अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई। इसके बाद शिक्षा विभाग में किसी व्यक्ति ने शिकायत की कि श्वेता सिंह के पति और जेठ शासकीय सेवा में हैं। इसके बाद बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने उनकी नियुक्ति रद्द कर दी। इसके विरुद्ध श्वेता सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि पति और जेठ शासकीय सेवक की श्रेणी में नहीं आते हैं। हाईकोर्ट ने माना कि शिक्षाकर्मी राज्य सरकार के अधीन सिविल पद धारण नहीं करते अतएव वे शासकीय सेवक नहीं माने जायेंगे। कोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को दी गई अनुकंपा नियुक्ति को सही ठहराया है और उसे पूर्ववत् नियुक्त करने का आदेश दिया है।

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