महामंडलेश्वर ज्ञानानन्द का प्रवचन सुनने पं. देवकीनंदन दीक्षित सभागृह में श्रद्धालु उमड़े

महामंडलेश्वर गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में शुक्रवार को पं. देवकीनंदन दीक्षित सभागार में दिव्य गीता सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न समाज के लोगों ने हिस्सा लिया।

इसका आयोजन छत्तीसगढ़ प्रान्तीय अग्रवाल संगठन की ओर से राजेन्द्र अग्रवाल ‘राजू’ और अन्य सदस्यों ने किया था।

सत्संग कार्यक्रम दोपहर दो बजे से प्रारंभ हुआ जो शाम पांच बजे तक चला। ज्ञानानंद महाराज का पूरा प्रवचन ‘जियो गीता के संग-सीखो जीने का ढंग’ सूत्र-वाक्य पर केन्द्रित था। उन्होंने कहा कि घर-घर में श्रीमद्भगवत गीता होनी चाहिए और सभी समुदायों को गीता के उपदेशों की जानकारी होनी चाहिए। जीवन जीने का ढंग गीता से सीखा जा सकता है।स्वामी ज्ञानानंद ने कहा “भविष्य हमारे हाथ में नहीं है। वह ईश्वर के हाथ में है। प्रायः आज के लोग यह सोच लेते है फल की इच्छा न करे तो कर्म किसके लिए करे। यह सोच नहीं होनी चाहिए। फल देने के लिए ईश्वर है। कर्म करो, व्यापक रूप में करो फल जरूर मिलेगा। ईश्वर को याद करो ईश्वर की धन्यवाद करो जिसने तुमको जीवन दिया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगरीय प्रशासन मंत्री व नगर विधायक अमर अग्रवाल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अभा अग्रवाल संगठन के अध्यक्ष प्रदीप मित्तल ने की। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रामदास अग्रवाल व अन्य पदाधिकारी तथा संगठन के सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे।

कार्यक्रम में महाराज अग्रसेन मित्र परिवार के अध्यक्ष रामदास अग्रवाल, गुजराती समाज, पंजाबी समाज, आर्ट ऑफ लिविंग, छत्तीसगढ़ अग्रवाल महिला समिति, अखिल भारतीय चेतना परिषद् रोटरी क्लब मिड टाउन, हास्य क्लब महासंघ, सीताराम सत्संग समिति आदि के सदस्यों का योगदान रहा।

 

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