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अफसरों से जान का खतरा बताने वाले सिपाही की सड़क दुर्घटना में मौत, परिवार को हत्या की आशंका,  दंडाधिकारी जांच का प्रस्ताव

पुष्पराज सिंह, पुलिस जांजगीर/सक्ती

एक दिन पहले ही टीआई पर लगाया था घूस लेकर फड़ चलाने का आरोप

सीएम फंड में एक साल का वेतन डालकर आया था चर्चा में

बिलासपुर। जांजगीर-चांपा जिले में बीती रात एक आरक्षक पुष्पराज सिंह की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने उसकी हत्या का आरोप लगाया है। आरक्षक पहली बार तब चर्चा में आया था जब उसने अपने अधिकारियों पर अंडरवियर धुलवाने का आरोप लगाया था। हाल ही में  उसने मुख्यमंत्री सहायता कोष में अपने एक साल वेतन का दान कर दिया था, जिसकी मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर प्रशंसा भी की थी।

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक मूलतः मुंगेली के पास ग्राम मदनपुर के रहने वाले कांस्टेबल पुष्पराज सिंह की तैनाती इस समय सक्ती में थी। बीती रात करीब 12.30 बजे अपनी स्कूटी सहित सड़क पर गिरा हुआ मिला उसके शरीर पर बिजली के तार लिपटे हुए थे और गले में भीतर भी तार उलझा हुआ था। घटना देसी शराब दुकान के पास की है और इसकी सूचना पुलिस के मुताबिक दुकान के गार्ड से उन्हें मिली। पुलिस की जांच के अनुसार तेज रफ्तार स्कूटी से पुष्पराज गिरा और उसके गले में सड़क पर बिखरे तार से फंस गया। दम घुटने से उसकी मौत हो गई। आज शाम आई शार्ट पीएम रिपोर्ट में बताया गया है कि मौत अचानक ह्रदय गति रुकने से हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक की ओर से मामले की दंडाधिकारी जांच कराने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा गया है।

दूसरी तरफ इनके परिवार वालों का कहना है कि उसकी हत्या की गई है। उसके भाई गुड्डू सिंह ने कहा है कि पुष्पराज पुलिस विभाग के अधिकारियों और गृह मंत्री तक के खिलाफ कई पोस्ट सोशल मीडिया पर डाले हैं। सक्ती थाना प्रभारी के खिलाफ उसने आरोप लगाया था कि लॉकडाउन के दौरान सिलनी गांव में  जुए का फड़ चलवाने के लिये एक लाख रुपये महीने घूस ले रहे हैं। यह पोस्ट अब डिलीट हो गया है।

पुष्पराज के परिवार वालों का कहना है कि इसी तरह की विवाद के चलते उसकी हत्या की गई है। एक ही दिन पहले पुष्पराज साहू ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा था कि उसे बर्खास्त या सस्पेंड कर देने की धमकी मिल रही है। पुष्पराज ने एक साल पहले पोस्ट डाला था की अगर उसकी मृत्यु होती है तो इसके लिए एसपी जिम्मेदार होंगे। कल की पोस्ट में उसने लिखा था की ताकत है तो सस्पेंड बर्खास्त करके बताओ, पहले भी छह बार सस्पेंड और बर्खास्त हो चुके हैं।

सबसे पहले पुष्पराज सिंह की चर्चा तब हुई थी जब तीन साल पहले उसने पुलिस अधिकारियों पर अंडरवियर धुलवाने का आरोप लगाते हुए यह काम करने से मना कर दिया था। उसे अब तक 6 बार सस्पेंड किया जा चुका है। एक बार बर्खास्त करने की कार्रवाई भी शुरू की गई थी, जिस पर उसे कोर्ट से स्थगन मिल गया था। एक एसपी ने उसकी तलाशी के लिये थानों को नोटिस भी जारी किया था।

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