अमित, डॉ.रेणु और धर्मजीत के साथ छत्तीसगढ़ भवन में हुई चर्चा, पेंड्रा और चिरमिरी को जिला बनाने की मांग

बिलासपुर, 31 दिसंबर। पांच साल तक एक दूसरे के खिलाफ तल्खी भरे राजनीतिक बयानबाजी करने वाले छत्तीसगढ़ के दो नेताओं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बीच आज खुशनुमा माहौल में मुलाकात हुई। इसकी पहल खुद जोगी ने की थी और इस दौरान उनकी विधायक पत्नी डॉ.रेणु जोगी, विधायक धर्मजीत सिंह ठाकुर और पूर्व विधायक अमित जोगी भी थे। यह मुलाकात पेंड्रा और चिरमिरी-मनेन्द्रगढ़ को जिला बनाने की मांग के बहाने हुई। मुलाकात के बाद जोगी ने चल रही अटकलों पर विराम देते हुए कहा कि उनका कांग्रेस में वापस लौटना असंभव है।

मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल आज पहली बार बिलासपुर पहुंचे थे। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी ने उनसे मिलने का समय लिया था। तय कार्यक्रमों के विलम्ब से चलने के कारण करीब दो घंटे की देरी से अपरान्ह 3.30 बजे छत्तीसगढ़ भवन में बघेल से उनकी मुलाकात हुई। संक्षिप्त मुलाकात के दौरान उन्होंने बघेल को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें पेंड्रा, गौरेला और मरवाही को मिलाकर एक जिला तथा चिरिमिरी-मनेन्द्रगढ़ को दूसरा जिला बनाने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया था कि संयुक्त मध्यप्रदेश विधानसभा में एक अगस्त 1998 को पेंड्रा को जिला बनाने की घोषणा की गई थी, जिस पर किसी कारण से अमल नहीं हो पाया। यह जिला मुख्यालय से 170 किलोमीटर दूर स्थित है और शिक्षा स्वास्थ्य की जरूरी सुविधाओं से वंचित है। प्रदेश का सीमावर्ती इलाका होने के कारण संवेदनशील भी है। अतएव, इस अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाके को जिला बनाया जाये।

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए अजीत जोगी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में आवश्यकतानुसार नये जिलों के गठन की बात कही है। उसी के अनुरूप बघेल से आज जिला बनाने की मांग की गई है।

हालांकि इस मुलाकात के बाद जोगी ने कहा कि किसी नये राजनीतिक समीकरण के सिलसिले में यह मुलाकात नहीं है। एक विधायक होने के नाते मुख्यमंत्री के समक्ष उन्होंने अपने क्षेत्र की मांग को रखा है। राजनीतिक लड़ाई अपनी जगह है पर सम्बन्ध हमेशा सौहार्द्रपूर्ण रहे हैं। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस में उनका लौटना असंभव है।

 

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