जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र फोरम की बिलासपुर इकाई ने आज शाम बिलासपुर विश्वविद्यालय के सभागार में कारगिल विजय दिवस मनाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.जी डी शर्मा थे। मुख्य वक्ता छत्तीसगढ़ बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अरुण शुक्ला रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर पी दयानंद ने किया।

 

विशिष्ट अतिथि मुंगेली पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कमांडेंट कुलदीप यादव रहे। जम्मू कश्मीर फोरम पिछले सात वर्ष से लगातार आज के दिन को कारगिल शहीद दिवस के रूप में मना रहा है, क्योंकि आज ही के दिन 26 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय सफल हुआ था। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बटालियन कमांडिंग ऑफिसर अरुण शुक्ला ने बताया कि कारगिल युद्ध क्यों, कैसे और उसका अंत कैसे हुआ। उन्होंने बताया कि पहाड़ियों से घिरा कारगिल क्षेत्र पहले पाकिस्तान और भारत के बीच का क्षेत्र होता था और आजादी के बाद कारगिल का पूरा हिस्सा भारत मे आ गया। 26 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय सफल हुआ। कारगिल युद्ध की पूरी जानकारी देने के बाद उन्होंने कहा कि अगर हर परिवार से कम से कम एक लड़का या लड़की भारतीय सेना में आए तो उस परिवार की राष्ट्रीयता का कर्तव्य अपने आप ठीक हो जाएगा।

कलेक्टर पी दयानंद ने कहा कि । हम भारतीय अखंड भारत की बात करते हैं और हमें हमारी संस्कृति पर गर्व है।

कार्यक्रम में शहीदों के परिवार वालों को सम्मनित किया गया जिसमें शहीद नीलेश पांडेय की पत्नी कल्पना पांडेय, शहीद विवेक शुक्ला की पत्नी रीमा शुक्ला, शहीद राजेश पटेल के भाई सुरेश कुमार पटेल, शहीद फुलजेश मिंज की पत्नी तरसिला मिंज, शहीद विश्वेश्वर चक्रवर्ती पुत्र सुमित चक्रवर्ती, शहीद विजय कुमार शुक्ला पिता यज्ञ प्रताप शुक्ला शामिल थे।

 

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