तखतपुर-बिलासपुर के मध्य स्थित 156 एकड़ जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने के मामले में सात साल  से फरार एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ बलौदाबाजार और मध्यप्रदेश के विदिशा में भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा कर जमीन बेचने का आरोप है।

तखतपुर पुलिस की टीम ने आरोपी जी. आर. रामचंद्र मोहन पिता एन. गंगा पिल्लई को गिरफ्तार किया है, जो मूल रूप से सुपेला (भिलाई) का रहने वाला है।

तखतपुर के ग्राम देवरी और खम्हरिया में महर्षि फाउन्डेशन की 156 एकड़ कृषि भूमि है। इसकी देख-रेख एसआरएम फाउन्डेशन, नई दिल्ली करती है। सन् 2011में आरोपी रामचंद्र मोहन ने अपने साथियों के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उक्त भूमि में से 90 एकड़ जमीन का हिस्सा राजनांदगांव के नरेश रामटेके, रामचंदानी, राजेश सिंह, खोमेश्वर साहू और देवसिंह राजपूत को एक करोड़ 40 लाख रुपए में बेच दिया। जमीन की बिक्री की जानकारी एसआरएम फाउन्डेशन के छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि रायपुर निवासी दिनेश चंद्र खरे को मिली तो उन्होंने 16 दिसंबर 2011 को तखतपुर थाने में शिकायत की। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 419 420, 465, 467, 468, 471, 167, 212, 217 तथा 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इसके  अन्य आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रकरण का मुख्य आरोपी 62 वर्षीय जी आर रामचंद्र सन् 2011 से फरार था। तखतपुर पुलिस ने मुंबई से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा ने आज एक पत्रकार वार्ता में बताया कि पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा और पुलिस अधीक्षक आरिफ एच. शेख के मार्गदर्शन में तखतपुर थाना-प्रभारी किरण राजपूत और वहां के स्टाफ ने आरोपी का पता लगाकर उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

 

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