यह पिटाई डॉ. रमन सिंह और अमर अग्रवाल की झीरम कांड जैसी साजिश-बघेल

अटल श्रीवास्तव सहित सात कांग्रेसी चोट के बाद सिम्स में भर्ती

नगरीय प्रशासन मंत्री एवं नगर विधायक अमर अग्रवाल के घर पर कचरा फेंके जाने के बाद पुलिस ने कांग्रेसियों को दौड़ाकर और घसीट-घसीटकर ताबड़तोड़ लाठियों से पीटा। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव सहित सात कांग्रेस नेताओं को सिम्स चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इस घटना को झीरम घाटी की तरह कांग्रेस की राजनैतिक हत्या करने के लिए की गई मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और मंत्री अमर अग्रवाल की साजिश बताया है।

मंत्री अमर अग्रवाल के हवाले से एक अख़बार में छपे बयान के विरोध में शहर कांग्रेस ने आज प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा था। दोपहर तीन बजे कांग्रेसी, कांग्रेस भवन से जुलूस की शक्ल में मंत्री अमर अग्रवाल के घर की ओर बढ़े। कांग्रेसियों की योजना थी कि मंत्री के घर पर कचरा फेंका जाएगा। पुलिस ने मंत्री के घर के आसपास चाक-चौबंद व्यवस्था कर रखी थी। जुलूस में शामिल कुछ कांग्रेसी रास्ते में अलग हो गए। एक समूह घसियापारा के भीतर के रास्ते से मंत्री के बंगले तक पहुंचकर कचरा फेंकने में सफल हो गया। पुलिस तत्काल हरकत में आई और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की। इस पर वहां पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की हुई। इनमें दो महिला पुलिस कांस्टेबल भी शामिल थीं। पुलिस के अनुसार उनके साथ भी कांग्रेसी उलझ गए थे।

संख्या में कम पुलिस काबू में नहीं कर पाई कांग्रेसियों को

पुलिस इसके बाद कांग्रेसियों को प्रतिबंधात्मक धारा के तहत गिरफ्तार करने की कोशिश में थी लेकिन बल कम होने और प्रदर्शनकारियों की संख्या अधिक होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाई।

इसके बाद प्रदर्शनकारी कांग्रेस भवन पहुंचे और भीतर जाकर धरने पर बैठ गए। काफी देर बाद जब कांग्रेसी गिरफ्तारी के लिए बाहर नहीं आए तो पुलिस ने कांग्रेस भवन में बलात् प्रवेश कर कांग्रेसियों को घसीट-घसीटकर बाहर निकाला। इस दौरान विरोध करने पर प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव व कुछ अन्य पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं। इसके बाद सबको पुलिस वैन में ठूंस दिया गया। इन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

सीएम के दौरे ने बिगाड़ी पुलिस की हालत

दरअसल आज ही मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का बिलासपुर जिले के कोटा विधानसभा क्षेत्र में अटल विकास यात्रा के तहत एक बड़ी आमसभा थी। जिले के अलावा बाहर से बुलाई गई फोर्स वहां तैनात की गई थी। इसके चलते प्रदर्शन और मंत्री के घर में पुलिस की तैनाती की संख्या पर्याप्त नहीं थी। हालत यह थी कि प्रदर्शनकारियों की संख्या के मुकाबले पुलिस बहुत कम थी। यहां तक कि गिरफ्तारी करके ले जाने के लिए पुलिस के पास वाहन नहीं था। इसीलिए जब कांग्रेसियों ने कहा कि वे कांग्रेस भवन में जाकर गिरफ्तारी देंगे, पुलिस उनकी बात मानने के लिए राजी हो गई। हालांकि पुलिस की नाकेबंदी में चूक के कारण कांग्रेसी कचरा डालने में सफल हो पाए।

बिलासपुर में कांग्रेसियों का आंदोलन बेकाबू होने के बाद पुलिस फोर्स को ड्यूटी पर लगा दिया गया। इस समय भी मंत्री अमर अग्रवाल के घर के चारों ओर पुलिस फोर्स तैनात रखी गई है।

हम और क्या करते-एएसपी नीरज चंद्राकर

एएसपी नीरज चंद्राकर ने बताया कि कांग्रेसियों ने आज प्रदर्शन का कार्यक्रम बनाया था, जिसकी हमें जानकारी थी। हमने मंत्री बंगले के इर्द-गिर्द आंदोलनकारियों को रोकने के लिए व्यवस्था कर रखी थी लेकिन घसियापारा वाली गली से होते हुए कांग्रेसी मंत्री के घर पर पहुंचकर कचरा फेंकने लगे। इस पर सिपाहियों ने उन्हें रोका। तभी आंदोलनकारियों ने दो महिला कांस्टेबल सहित दूसरे जवानों से धक्का मुक्की की। महिला कांस्टेबल और पुलिस जवानों के साथ धक्का-मुक्की करने पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर लिया।

इसके बाद कांग्रेसियों ने कांग्रेस भवन में गिरफ्तारी देने की बात कही। जब पुलिस कांग्रेस भवन पहुंची तो उन्होंने वहां नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक पुलिस बाहर खड़ी रही, उन्होंने गिरफ्तारी देने से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में हमें कार्रवाई करनी पड़ी।

पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

इस दौरान जो वीडियो सामने आए हैं उसमें पुलिस जवान कांग्रेस भवन के भीतर गालियां देते हुए प्रवेश करते हुए दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस भवन के मंच पर खड़े एक युवक को कई पुलिस वाले दौड़ा रहे हैं और उन पर लाठियां भांज रहे हैं। गिरने के बावजूद कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवस्तव पर लाठियां चलाई जा रही हैं, यह भी वीडियो में साफ दिख रहा है।

पुलिस से धक्का-मुक्की की कांग्रेसियों ने- टीआई

सिविल लाइन के थाना प्रभारी जगदीश मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री के निवास पर सिर्फ प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा था। कचरा फेंकने जैसी घटना होने का अनुमान नहीं था। हर बार की तरह गर्ल्स डिग्री तिराहे और राजेन्द्र नगर चौराहे पर बेरीकेड्स लगाए गए थे लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता बीच की गली से मंत्री के घर के सामने सीधे पहुंच गए। यहां कांग्रेस कार्यकर्ता बोरियों में कचरा भरकर आए थे जिसे उन्होंने मंत्री के घर के बाहर से भीतर फेंकने की कोशिश की। मुख्यमंत्री की सभा से लौटकर कुछ देर पहले ही मंत्री अमर अग्रवाल अपने घर पर पहुंचे थे।  प्रदर्शनकारियों ने रोके जाने पर पुलिस वालों को धक्का दे देकर गिराया। हमारे जवान और बुजुर्ग हवलदार उनकी धक्का मुक्की से गिर गए। कांग्रेस के लोगों को थोड़ी बहुत चोट लगी होगी, पर हमारे भी छह सात जवान घायल हो गए हैं, उनका मुलाहिजा कराया जा रहा है। हम कांग्रेसियों के ऊपर राजनैतिक प्रदर्शन के हिसाब से सिर्फ धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करना चाहते थे लेकिन अब बलवा और शासकीय कार्य में बाधा डालने का अपराध भी दर्ज कर लिया गया है।

सात घायल सिम्स में भर्ती

गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शनकारी 52 कांग्रेसियों को सीधे कोनी थाने ले जाया गया। इनमें से सात कांग्रेसियों ने चोट लगने की शिकायत की। इन सभी को सिम्स चिकित्सालय में दाखिल कराया गया है। सिम्स में दाखिल नेताओं में प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव, अकबर खान, दिनेश सिरीया, विष्णु यादव, इमरान खान तथा मुकेश साहू शामिल हैं। महिला कांग्रेस नेत्री सीमा सोनी को भी चोट आई है उन्हें भी सिम्स में दाखिल किया गया है।

झीरम घाटी जैसा कांड है यह- बघेल

कांग्रेस नेताओं पर पुलिस द्वारा ताबड़तोड़ लाठियां चलाने की घटना की खबर पूरे प्रदेश में कुछ ही घंटों के भीतर फैल गई। कांग्रेस ने इसे बड़ी गंभीरता से लिया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल रात 9 बजे बिलासपुर पहुंच गए। उन्होंने सिम्स चिकित्सालय में घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों से उनकी सेहत की जानकारी ली।

सिम्स परिसर में ही पत्रकारों से बात करते हुए बघेल ने कहा कि किसी पुलिस अधिकारी में इतनी हिम्मत नहीं होती कि वे कांग्रेस नेताओं पर लाठी बरसाने का फैसला करें। इसके पीछे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल का हाथ है। वे पहले के चुनाव में झीरम घाटी जैसा कांड करके कांग्रेसियों की राजनीतिक हत्या की साजिश कर चुके हैं। इस बार फिर वैसा ही किया जा रहा है। इस मामले की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के मौजूदा किसी जज से कराई जाए। बघेल ने एक सवाल पर कहा कि इस मुद्दे पर आंदोलन का फैसला कांग्रेस कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद लिया जायेगा। इसके बाद बघेल गिरफ्तार कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने कोनी थाना गए।

मीडिया से बदसुलूकी

उधर, पुलिस के रवैये को लेकर मीडिया का एक बड़ा वर्ग नाराज हो गया है। एडिशनल एसपी चंद्राकर पर आरोप है कि घटना को कवर करने गए पत्रकारों से उन्होंने दुर्व्यवहार किया। उनको पीटा गया और कैमरा छीनकर कहा गया कि जो छापना है छाप लो, मेरा क्या बिगाड़ लोगे।  बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष तिलकराज सलूजा ने पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता से मुलाकात कर एएसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सलूजा ने बुधवार को दोपहर एक बजे प्रेस क्लब में पत्रकारों की बैठक भी इस सिलसिले में बुलाई है।

पूरे घटनाक्रम पर मंत्री अमर अग्रवाल की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। हालांकि कुछ न्यूज चैनल में वे यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि जिस बयान को लेकर कांग्रेसियों ने आंदोलन किया, वैसा बयान उन्होंने दिया ही नहीं है। मंत्री के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनके बचाव में कई पोस्ट करते हुए कांग्रेसियों के कचरा फेंकने के आंदोलन पर सवाल उठाए हैं।

 

 

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