जोगी ने कहा- मायावती चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रहीं अब देश की प्रधानमंत्री बनेंगी

दोनों भीड़ जुटाऊ नेताओं को सुनने सरकंडा खेल परिसर में उमड़ी जबरदस्त भीड़

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि केन्द्र में भाजपा को दुबारा सत्ता में आने से रोकने से पहले यह जरूरी है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता हथियाने के लिए तमाम तरह के हथकड़ों और प्रलोभनों से भरा घोषणा पत्र लेकर आती है, जिससे सावधान रहना होगा।

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी और बहुजन समाज पार्टी की आज सरकंडा स्थित खेल परिसर में आयोजित विशाल चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग और उनकी सरकारें पूंजीवादी व्यवस्था की समर्थक हैं और हिंदुत्व की आड़ में विभिन्न हथकंडे इस्तेमाल कर रही हैं।  उत्तरप्रदेश में राम मंदिर निर्माण कुछ ज्यादा ही जोर पकड़ रहा है उसी तर्ज पर इनकी योजना पूरे देश में छोटे-छोटे मंदिर बनाने की है लेकिन इससे उन्हें कोई लाभ होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा के 15 साल में छत्तीसगढ़ का पिछड़ापन दूर नहीं हुआ है।

मायावती ने छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस के साथ बीएसपी द्वारा गठबंधन न करने के सम्बन्ध में कहा कि कांग्रेस की स्थिति-खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे जैसी है। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि बीजेपी के दबाव और भय में आकर गठबंधन नहीं किया गया। यह निराधार प्रचार है और इसे हमारी  पार्टी के लोगों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।

मायावती ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप लोग अपने छोटे-मोटे साधनों से मुझे सुनने के लिए यहां पहुंचे, इसके लिए आभारी हूं। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव की घोषणा हो चुकी है। हमने इस चुनाव में जनता कांग्रेस के संस्थापक अजीत जोगी को अपना मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित किया है। कोशिश यह होनी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतें और अपने बलबूते पूर्ण बहुमत की सरकार हम बनाएं। गठबंधन की सरकार बनने पर ही दलित, आदिवासी, पिछड़ा, गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारियों का सही विकास हो सकेगा, वे स्वाभिमान के साथ जिंदगी बसर कर सकेंगे और गुरु घासीदास, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर तथा कांशीराम का सपना साकार हो सकता है। मजबूरी में नक्सली बने युवा सही रास्ते पर आएंगे और नक्सलवाद खत्म हो सकता है।

मायावती ने कहा कि दूसरे राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी जाति, धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक होने के कारण इसाई और मुस्लिम भाईयों की स्थिति खराब होती जा रही है। इनको सरकारी संरक्षण मिल रहा है। बाबा साहेब द्वारा संविधान में की गई व्यवस्था के मुताबिक आरक्षण का सही लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। इसके लिए कांग्रेस-भाजपा एंड कम्पनी जिम्मेदार है। यहां पूंजीवादी, जातिवादी और सम्प्रदायवादी सरकार चल रही है। 15 साल से तो यहां भाजपा की ही सरकार है। इस लम्बी अवधि में प्रदेश की जनता का उत्थान नहीं हुआ, पिछड़ापन दूर नहीं हुआ। जबकि जनता मान रही थी कि अलग राज्य बनने पर इसका युद्ध स्तर पर विकास होगा। सही पार्टी की सरकार नहीं होने के कारण यहां लोगों को निराशा ही मिली। बीजेपी के राज में दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा बढ़ी है, इन वर्गों को केन्द्र ने हर मामले में पीछे धकेल दिया है।

बसपा सुप्रीमो ने केन्द्र की सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा ने जो चुनावी वायदे किए थे, उनमें से एक चौथाई भी पूरे नहीं हुए। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या चुनावी वायदों के अनुसार विदेशों से काला धन आ गया और उनके खातों में 15-20 लाख रुपए जमा हो गए। मायावती ने कहा कि किसी भी गरीब परिवार के खाते में कोई रकम नहीं आई। यही बात पूरे देश की जबान में है।

खाद्यान्न की कीमतें घटाने, किसानों की आय दुगुनी करने, गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के उनके वायदे पूरे नहीं हुए। केन्द्र सरकार विश्वासघाती है और उसने वायदाखिलाफी की है। बिना तैयारी के नोटबंदी से आर्थिक इमरजेंसी के हालात बने। छोटे मंझोले व्यापारियों का शोषण, उत्पीड़न हो रहा है। जीएसटी से अर्थव्यवस्था चरमरा गई। डीजल पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती कीमत ने आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दी है।

मायावती ने कहा कि बोफोर्स की तरह राफेल सौदे में भी भारी घोटाला हुआ है। जनता को केन्द्र सरकार संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रही है। रक्षा सौदों की खरीदी के मामले में न तो कांग्रेस का दामन साफ है न भाजपा का। बैंकों के हजारों करोड़ रुपए का गबन करने वाले मिलीभगत से विदेश फरार हो गए हैं। गौ हत्या के नाम पर भीड़ का हमला और हत्याएं लोकतंत्र को कलंकित कर रही है। बीजेपी की सरकारें इन मामलों में लापरवाह और उदासीन हैं। संविधान की मंशा के विरुद्ध दलितों और मुस्लिमों के विरुद्ध पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। केन्द्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से स्थिति अधिक खतरनाक हो गई है। लाखों पद खाली हैं, पर युवाओं की भर्ती नहीं हो रही है।

मायावती ने कहा कि दलितों, आदिवासियों के आक्रोश के कारण इन्हें इन वर्गों के संतों और महापुरुषों को मजबूरी में सांकेतिक रूप से याद करना पड़ रहा है लेकिन इससे शोषित समाज का भला नहीं होगा। दलित पिछड़ावर्ग समाज हर तरह के कठोर संघर्ष के लिए तैयार है और वे कोई भी कुर्वानी देने के लिए तैयार हैं।

मायावती बनेंगी देश की प्रधानमंत्री-जोगी

जनता कांग्रेस जोगी प्रमुख अजीत जोगी ने जनता से छत्तीसगढ़ी में भाषण की अनुमति मांगी। उन्होंने दाई, दीदी, भैया, नोनी, बहिनी, नौजवान मित्र से अपने भाषण की शुरूआत की इसके बाद तालियों और सीटियों की गूंज होने लगी। उन्होंने मायावती के लिए कहा कि आज आपने जिनको देखा, सुना वो केवल छत्तीसगढ़ की नेता या उत्तरप्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रहने वाली नहीं है वह भारत की प्रधानमंत्री बनेंगी, ऐसा हमारा और जनता का संकल्प है। उन्होंने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला और कहा देश के आदिवासी, दलित, पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग के गरीब व अल्पसंख्यक को नचाना है, तो मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाना है। मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की अपील करते हुए जोगी जी ने कहा मायावती को मैं बरसों से जानता हूं ये सेवा के प्रति, संघर्ष के प्रति और गरीब के दर्द के प्रति हमको उपदेश देने आई हैं। उन्होंने मायावती से कहा अगर हमारी सरकार बनी तो हम पूरे ग्यारह सांसद आपके चरणों में समपर्पित कर देंगे। जोगी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को लबरा बताते हुए दोहे के माध्यम से निशाना साधा। उन्होंने कहा ‘बार-बार कहत हव संगी, बान कहां से आए रे, बान ढिलागे मायावती जी के लबरा कहां लुकाए रे‘। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी को लबरा इसलिए कहते हैं कि उन्होंने किसानों को 2100 रूपए धान का समर्थन मूल्य और 300 रूपए बोनस देने की घोषणा की थी, लेकिन जब देने की बारी आई तब मोदी जी से पूछने चले गए। इन्होंने गरीबों को मुफ्त में चावल देने, और मुफ्त बिजली देने की बात की थी, लेकिन जब सत्ता आई तो स्थिति ऐसी है कि जिनका दो मंजिला, तीन मंजिला मकान है उनका राशन कार्ड बना है, जिनको इसकी जरूरत है उनका कार्ड ही नहीं बना और चावल भी प्रति व्यक्ति के हिसाब से 7 किलो दे रहे हैं।

उन्होंने कहा बिजली की बात करें तो रमन सिंह की तरह उनका लगाया मीटर भी उनकी तरह लबरा है। जिस गरीब के यहां एकलबत्ती कनेक्शन लगा है, वह अपने खर की पूरी बिजली भी बंद करके रखे तो उसके यहां भी भारी बिल आ रहा है।

अनुमान, एक लाख लोग जुटे

कार्यक्रम के लिए सरकंडा खेल परिसर मैदान छोटा पड़ गया। भीड़ इतनी अधिक थी कि कार्यक्रम स्थल तो पूरा भरा रहा साथ ही जगह ना मिलने की वजह से जोगी और मायावती को सुनने आए लोगों को बाहर ही रुकना पड़ा। कुछ लोगों दीवारों में छतों में चढ़कर कार्यक्रम को देख रहे थे तो हजारों की संख्या में लोग बाहर तेज धूप में सड़क पर खड़े होकर या इधर उधर बैठकर जोगी और मायावती जी को सुन रहे थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों नेताओं को सुनने करीब एक लाख लोग पहुंचे थे।

 

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