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लॉकडाउन के दौरान शेल्टर होम में रुके श्रमिकों में अवसाद के लक्षण, डॉक्टर कर रहे जांच, दे रहे परामर्श

प्रवासी श्रमिकों को मानसिक स्वास्थ्य पर परामर्श, राज्य मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र बिलासपुर के डॉक्टरों द्वारा।

बिलासपुर। आश्रय स्थलों में ठहरे हुए कई श्रमिकों में अवसाद, चिंता, घबराहट और बेचैनी के लक्षण पाए जा रहे हैं|

श्रमिकों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के उद्देश्य से राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय.सेंदरी  द्वारा निवासरत प्रवासी श्रमिकों की मानसिक दशा की स्क्रीनिंग कर परामर्श दिया जा रहा है ।

जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत परामर्श दल का गठन किया गया है जो नियमित रुप से आश्रय स्थलों पर जा कर सेवाएं प्रदान किया जा रहा है|

डॉ मल्लिकार्जुन राव, मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया ज्यादातर श्रमिक लॉक डाउन की चिंता को लेकर डिप्रेशन में है| सामान्य बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझकर उन्हें उचित परामर्श दिया जा रहा है और साथ ही एक साथी को दूसरे साथी की जिम्मेदारी देकर आपसी समन्वय कर व्यवहारिक दोस्ती बनाने की बात समझाई जाती है।सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर आपस में अपने अपने अनुभवों को साझा करने की भी सलाह दी जा रही है ताकि आश्रय स्थलों पर स्वस्थ वातावरण बनाया जा सके।

अस्पताल अधीक्षक डॉ.बी.आर नंदा के मार्गदर्शन में राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय  सेंदरी  द्वारा श्रमिकों की मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लियें दो सदस्य दो दलों का गठन किया है । इस दल में डॉ मल्लिकार्जुन राव और प्रशांत पांडे सायक्रेट्री सोशल वर्कर है और दूसरे दल में डॉ. दिनेश कुमार लहरी, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और श्रीमती एंजलिना वैभव लाल, कम्युनिटी नर्स, विभिन्न स्थलों में बनाए गए आश्रय स्थलों मैं निवासरत प्रवासियों की मानसिक दशा की स्क्रीनिंग करके काउंसलिंग कर रहे हैं।

प्रवासी जनों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करते हुए उनमें से कुछ आश्रित जनों में अवसाद चिंता एवं मादक पदार्थों के ना मिल पाने के कारण  होने वाली परेशानियों की जांच की गई एवं उनको उचित परामर्श देते हुए सपोर्टिव साइकोथेरेपी,स्लीपहाइजीन और रिलैक्सेशन के बारे में बताया गया ।

सामुदायिक भवन सिंधी कॉलोनी,त्रिवेणी भवन, व्यापार विहार रेन बसेरा,चकरी सामुदायिक भवन, जगदीश बॉस सदर बाजार,और राजकिशोर नगर के सामुदायिक भवन में नियमित रूप से प्रवासी श्रमिकों को मानसिक स्वास्थ्य की सेवाएं दी जा रही हैं। जिसे उनमें उत्पन्न होने वाले अवसाद, चिंता, घबराहट और बेचैनी को कम किया जा सके और साथ ही उनकी नशे की आदतों को भी छुड़ाने में सहयोग किया जा रहा है ।

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