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खो चुके बेटे को दो साल बाद पाकर खुशी से फूले नहीं समाए परिजन

राज्य मानसिक चिकित्सालय बिलासपुर के चिकित्सक स्वस्थ हुए किशोर व उनके परिजन के साथ।

राज्य मानसिक चिकित्सालय प्रबंधन ने खुशी-खुशी दी विदाई

बिलासपुर। राज्य मानसिक चिकित्सालय, सेंदरी के समर्पित स्टाफ की कोशिश से एक बार फिर एक मनोरोगी किशोर अपने माता-पिता से मिल पाया। वह 2 साल पहले घर से निकला था लेकिन उसके बाद उसका कोई पता ठिकाना नहीं लगा। माता-पिता ने काफी तलाशने के बाद मान लिया कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहा।

अस्पताल के चिकित्सा मनोवैज्ञानिक डॉ. दिनेश कुमार लहरी के मुताबिक रायपुर स्थित डॉ. भीमराव आंम्बेडकर चिकित्सालय से 17 वर्षीय किशोर को मानसिक बीमारी होने के चलते राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी भेजा गया था। किशोर को इस वर्ष 26 फरवरी को यहां भर्ती कराया गया था। उसका इलाज मनोरोग चिकित्सक डॉ. आशुतोष तिवारी कर रहे थे। काउंसलिंग व देखरेख की जिम्मेदारी डॉ. दिनेश संभाल रहे थे। लगभग पांच महीने के इलाज के बाद किशोर ने डॉ. लहरी को एक नंबर दिया था। वह नंबर बिहार के लखीसराय जिला अंतर्गत रहने वाले मांझी परिवार था। इसके बाद वीडियो कॉलिंग से किशोर की पहचान कराई गई। इसके बाद परिजन वहां से बिलासपुर उसे लेने शुक्रवार को पहुंचे। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीआर नंदा से मुलाकात की। डॉ. नंदा ने उन्हें उनके बेटे से मिलवाया। इसके बाद पूरे अस्पताल स्टॉफ की मौजूदगी में उन्हें विदा किया गया।

कुछ दिन पहले ही राज्य मानसिक चिकित्सालय में उपचाराधीन महिला को पश्चिम बंगाल निवासी उनके परिजनों से मिलावाया गया था। महिला को जिंदा पाकर न सिर्फ उसके पति बल्कि परिजनों ने काफी खुशी जताई थी।

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