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आपसी समझौते से एक ही दिन में 1.68 लाख मुकदमों का हुआ निराकरण  

नेशनल लोक अदालत, जांजगीर में जस्टिस गौतम भादुड़ी।

हाईकोर्ट सहित प्रदेश भर में लगाई गई नेशनल लोक अदालत

बिलासपुर। प्रदेश भर में लगाई गई नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह से एक ही दिन में 3 लाख 68 हजार प्रकरणों का निराकरण हुआ और करोड़ों रुपये के अवार्ड पारित किए गए।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) ने हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अदालतों में शनिवार को एक दिन की नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई थी। सालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने इस मौके पर कई लोक अदालतों का निरीक्षण किया। जांजगीर की लोक अदालत में उनकी पहल से तीन परिवारों के बीच समझौता हुआ। इन पक्षकारों ने पुष्प गुच्छ से जस्टिस भादुड़ी का स्वागत किया। जांजगीर में निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि लोक अदालतों से लंबी अदालती प्रक्रियाओं से राहत मिलती है और त्वरित न्याय का मार्ग खुलता है। उन्होंने चेक बाउंस, वैवाहिक, बैंक, सड़क दुर्घटना आदि के अधिकाधिक मामलों का निराकरण करने और युवा अधिवक्ताओं को प्रेरित करने के लिए कहा। बारिश के बावजूद पक्षकारों की बड़ी संख्या में उपस्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि लोक अदालतों को लेकर पक्षकारों में उत्साह है।

बिलासपुर की लोक अदालत में सिंघनपुरी तखतपुर का एक मामला सामने आया जिसमें 5 भाईयों और तीन बहनों के बीच 149 एकड़ पैतृक भूमि को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा था। भाईयों का कहना था कि पिता के जीवित रहते ही बहनों को उनका हिस्सा दिया जा चुका है। रक्षाबंधन की सौगात के रूप में बहनों ने अपने भाईयों के साथ राजीनामा कर लिया और मिठाईयां बांटीं। यहीं चोला मंडलम फाइनेंस कंपनी ने एक जीप के ऋण की वसूली के लिए 12 लाख रुपये की मांग की गई थी। प्रभावित पक्ष महेंद्र पाटले और उसकी पत्नी मीना पाटले के साथ कंपनी ने एक लाख रुपये में समझौता कर लिया।

हाईकोर्ट में कुल तीन खंडपीठ जस्टिस दीपक कुमार तिवारी, जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, और जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की अध्यक्षता में स्थापित किए गए थे। यहां 58 प्रकरणों में समझौता हुआ। मोटर दुर्घटना के 58 प्रकरणों में 1 करोड़ 19 लाख रुपये का अवार्ड पारित किया गया।

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