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अरपा को पुनर्जीवित करने के लिए सांसद ने केन्द्र से की एक हजार करोड़ रुपये की मांग

अरपा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए राशि की मांग करने का ज्ञापन केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को ज्ञापन सौंपते हुए बिलासपुर के सांसद अरुण साव।

बिलासपुर। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत कोटा विकासखंड में छपराटोला फीडर जलाशय के संबंध में क्षेत्रीय सांसद अरुण साव ने गुरुवार 28 नवंबर को केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से चर्चा की। शहर की जीवनदायिनी अरपा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 968.56 करोड़ की इस परियोजना के लिए उन्होंने केन्द्र से अंश राशि जारी करने की माँग की।

संसद भवन नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री शेखावत से समक्ष भेंट के दौरान सांसद साव ने कहा कि स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित बिलासपुर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लिए “अरपा” जीवनदायिनी नदी है। पेण्ड्रा के पठार से निकली यह नदी लगभग 147 कि.मी. बहने के बाद शिवनाथ नदी में मिल जाती है। वर्ष 1996-97 तक अरपा बारहमासी निरंतर बहने वाली नदी थी, किन्तु पिछले दो दशकों में औद्योगिक निर्माण, जलवायु परिवर्तन, वर्षा में कमी आदि कारणों के फलस्वरूप अक्टूबर से जून माह के मध्य इस नदी में सतही जलप्रवाह की मात्रा नगण्य रहती है। उन्होंने कहा कि अरपा को पुनः बारहमासी नदी बनाने कोटा विकासखंड में छपराटोला फीडर जलाशय का निर्माण कराने की योजना भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत तैयार की गई है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 968.56 करोड़ रुपए है। केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने सांसद साव को अरपा नदी के संरक्षण की दिशा में सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया।

नदी संरक्षण के लिए राज्य की पहली योजना

छत्तीसगढ़ में नदी संरक्षण के लिए बनाई गई यह पहली परियोजना है, जिसका डीपीआर व इस्टीमेट  केन्द्रांश जारी करने की मांग के साथ केन्द्र सरकार को भेजा गया है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में अब तक इस तरह की कोई परियोजना नहीं  बनी थी और ना ही इस तरह के किसी कार्य के लिए केन्द्र सरकार से कोई अनुदान मिला है।

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