नवरात्रि पर्व पर देर रात तक चलने वाले डांडिया और देवी जागरण उत्सव पर चुनाव आचार संहिता का डंडा चल गया है। आज जिला दंडाधिकारी ने एक आदेश जारी कर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूर्णतः निषिद्ध कर दिया है।

जिला दंडाधिकारी की ओर से कहा गया है कि विधानसभा आम निर्वाचन हेतु जिले में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है। अतएव छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 4 के अन्तर्गत जिले के ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना पूर्णतः निषिद्ध रहेगा।

ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग चुनाव प्रचार करने के लिये वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकेगा, किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे एवं मध्यम आवाज में ही प्रयोग किए जायेंगे। लंबे चोंगे वाले लाउडस्पीकर का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है साथ ही वाहनों एवं चुनावी सभाओं में एक से अधिक लाउडस्पीकर समूहों में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया गया है।

चुनावी सभा में इस्तेमाल के लिए अनुमति जरूरी    

चुनावी सभाओं एवं चुनाव प्रचार करने के लिये वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने के लिये जिला मुख्यालय में अनुविभागीय दण्डाधिकारी बिलासपुर एवं अन्य अनुविभाग मुख्यालयों में संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसील मुख्यालय में तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी तथा उप तहसील मुख्यालय में अतिरिक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य है।

ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर सामान्यतः किया जा सकता है परन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालय, नर्सिंग होम, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास, नगर पालिका परिषद, जनपद पंचायत एवं किसी अन्य स्थानीय निकाय कार्यालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, दूरभाष केन्द्र आदि से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में भी पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।

 

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