जिला पुलिस की एक टीम ने एटीएम कार्ड का नंबर और ओटीपी मांगकर दो लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी को झारखंड से गिरफ्तार किया है। घटना का मुख्य आरोपी पुलिस छापेमारी के दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।

बीते 15 सितंबर को जूना बिलासपुर निवासी सत्यनारायण देवांगन (57 वर्ष) के पास मोबाइल नंबर 08789784801 के काल आया। काल करने वाले ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का अधिकारी बताते हुए कहा कि वह इंदौर से बोल रहा है। उसने झांसा दिया कि एटीएम कार्ड की वैलिडिटी रिन्यू करने के लिए उसका नम्बर चाहिए। नंबर देने के बाद वीसीसी नंबर भी मांगा। फिर कहा कि कार्ड को जनरेट करने के लिए ओटीपी नंबर की जरूरत है। उसने ओटीपी नंबर दिये। उसने ओटीपी नंबर कई बार मांगे, यह कहकर कि पिछला ओटीपी नंबर गलत है। बार-बार ओटीपी नंबर मांगने पर प्रार्थी को उसी समय थोड़ा संदेह हो गया था पर आरोपी उसे बार-बार झांसा देता रहा कि वह बैंक से ही बोल रहा है। उसने 17 सितंबर को बैंक जाकर आधार नंबर जुड़वाने के लिए भी कहा। बाद में प्रार्थी ने अपना एकाउंट चेक किया तो उसमें से करीब दो लाख रुपये निकाल लिये गए थे। कोतवाली थाने में शिकायत करने पर धारा 420,34 तथा 201 के तहत अपराध दर्ज किया गया। पुलिस को खबर मिली कि एटीएम फ्राड के एक मामले में फरार मास्टर माइंट महबूब आलम को झारखंड के जामताड़ा जिले के करमाताड़ गांव में देखा गया है। पुलिस ने एक टीम बनाई और झारखंड जाकर उसके निवास पर दबिश दी।

पुलिस ने घर में दबिश दी तो सरगना महबूब अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया जबकि अपराध में शामिल उसके भाई सरफराज अंसारी (19 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

 

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