समस्या हल करने की स्थिति प्रशासन में बेहद ख़राब, बस चल रही क़ागज़ी कार्रवाई

बिलासपुर। हर सोमवार को पूरे जिले से फरियादी जिले के सबसे बड़े प्रशासनिक कार्यालय कलेक्टोरेट में इस आशा के साथ पहुंचते हैं कि नीचे के अधिकारी कर्मचारी उनकी बात न सुनें तो कम से कम यहां तो पक्का फैसला हो जायेगा। पर ज्यादातर लोगों का अनुभव निराशा से ही भरा होता है।


कुछ ऐसा ही हुआ है जिले के तखतपुर विकासखंड के जरौंधा ग्राम से आये हुए ग्रामीणों का। यहां पर एक कॉलोनाइजर ने वास्तुभूमि नाम की कॉलोनी विकसित करने की योजना बनाई है। जमीन खरीदी और पटवारियों और तहसीलदारों से मिलकर ले आउट पास करा लिया। उसने बाउंड्रीवाल तान ली। अब इस कॉलोनाइजर ने जगह ऐसी घेरी है कि एक हजार एकड़ पर खेती बाड़ी करने वाले ग्रामीणों का रास्ता ही बंद हो गया। गांव के लोग आज दोपहर दर्जनों की संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचे थे। उनका कहना था कि खेत पर कॉलोनी बने पर जिन लोगों की जमीन पीछे है उनके आने-जाने का रास्ता बंद मत हो।

ये शिकायत तीन साल से चल रही है। जब भाजपा की सरकार थी तब भी कुछ नहीं हुआ और अब भी नहीं। परेशान ग्रामीण। जैसा उनका कहना है सोलहवीं-सत्रहवीं बार यहां पहुंचे हैं। कालोनाइज़र ने बाउन्ड्रीवाल ऐसी बना दी है कि ग्रामीणों को अपने खेत तक पहुंचना, खेती करना, आना-जाना मुश्किल हो गया है, जबकि जिस जमीन को घेरा गया है वह सरकारी जमीन है। इस बात की जांच एसडीएम और तहसीलदार की तरफ से कराई जा चुकी है। आज दोपहर वे दर्जन भर फिर आये थे। हर बार जन-दर्शन में वे अपना तीन साल पुराना टोकन नंबर लेकर पूछा करते हैं कि शिकायत का क्या नतीज़ा निकला, पर ज़वाब नहीं मिलता है।

 

 

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