ट्रेड यूनियन कोंसिल लोकतंत्र बचाओ- देश बचाओं संयुक्त मोर्चा ने आज मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

मोर्चा ने देवकीनंदन दीक्षित चौक पर प्रदर्शन कर दमन की नीति बंद करो, इंकलाब जिंदाबाद, केन्द्र सरकार होश में आओ, सामाजिक कार्यकर्ता के साथ साजिश करना बंद करो जैसे नारे लगाकर गिरफ्तारी का विरोध किया। मोर्चा के सदस्यों का कहना है कि सरकार ने सामाजिक मुद्दों को लेकर जो आर्थिक, सामाजिक वादें किए थे। उन वादों में वह पूरे तरीके से फेल हो गई है। इसके बाद जनता को मुद्दे से भटकाने सरकार सामाजिक कार्यकर्ताओं को शहरी नक्सली बताकर उसे गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी के विरोध में कल रायपुर में पूरे छत्तीसगढ़ के लोग शामिल होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

ज्ञात हो कि पिछले वर्ष 31 दिसंबर को महाराष्ट्र के भीमा कोरगांव में हुए हिंसक संघर्ष के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था। इसी केस के संदर्भ में पुलिस ने सुधा समेत अन्य एक्टिविस्टों के घर पर छापेमारी कर उनमें से पांच को गिरफ्तार भी किया है। सुधा भारद्वाज के साथ साथ चार अन्य एक्टिविस्ट भी गिरफ्तार किए गए जिनके नाम हैं, गौतम नवलखा, वरावरा राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गोंजाल्विस है। मजदूर नेता, मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता के रूप में सुधा लगातार सामाजिक जीवन में सक्रिय रही हैं। ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन की छत्तीसगढ़ समिति ने मंगलवार को बैठक कर उनकी गिरफ्तारी की निंदा की है। उनका कहना है कि अधिवक्ता सुधा भारद्वाज पिछले 30 वर्ष से ट्रेड यूनियन में हैं। वे मजदूर, किसान के हित में काम कर रही हैं। उनके कार्य को देखते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का सदस्य भी बनाया गया है।

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