जोन के भीतर इनकी छपाई में आती थी 1.80 करोड़ की लागत,  अब होंगे सिर्फ 6.7 लाख खर्च

छोटे स्टेशनों और पैसेंजर हाल्ट पर विगत कई दशकों से गत्ते पर छपी टिकटें अब बीते दिनों की बात हो जाएगी।  प्रिंटेड टिकट में लगने वाले समय और यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर रेल्वे ने छोटे रेल्वे स्टेशनों व पैसेंजर हाल्ट में भी प्रिंटेड टिकट की अनिवार्यता को खत्म कर यूटीएस टिकट की सुविधा प्रारंभ कर दी है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अब छोटे स्टेशनों व पैसेंजर हाल्ट जहां प्रिंटेड कार्ड टिकटों की खपत होती है वहां प्रिंटेड कार्ड टिकट की जगह यूटीएस टिकट उपलब्ध कराई जा रही है। इन टिकटों में यात्रा की तारीख व समय को छोडकर अन्य जानकारियां जैसे स्टेशन का पता व किराए की राशि आदि प्रिंट की हुई रहेगी। यात्रा के लिए टिकट जारी करते समय इन टिकटों पर स्टेशन मास्टर व बुकिंग क्लर्क या टिकट एजेंट के द्वारा सील लगाकर यात्रा की तारीख अंकित की जाएगी। प्रिंटेड कार्ड टिकट मैन्युअली प्रिंट की जाती है जबकि यूटीएस टिकट के माध्यम से इन स्टेशनों से टिकटों की बिक्री आदि की गणना एवं जानकारी भी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगी। इससे रेलवे को बचत भी होगी। एक प्रिंटेड कार्ड टिकट की छपाई की लागत 3.97 रुपए आती है, जबकि यूटीएस टिकट की प्रति टिकट कुल लागत 15 पैसे है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कुल 78 पैसेंजर हाल्ट एवं 42 छोटे स्टेशनों में सालाना औसत 45 लाख टिकटों की खपत होती है जिसकी प्रिंटिंग लागत 1.80 करोड़ रुपए है, जबकि यूटीएस टिकट के द्वारा 6.70 लाख रुपए की लागत से एवं 1.73 करोड़ सालाना बचत के साथ इन टिकटों की आपूर्ति की जा सकेगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के इन सभी 78 पैसेंजर हाल्ट एवं 42 छोटे स्टेशनों में पूर्व में आपूर्ति की गई प्रिंटेड कार्ड टिकट के स्टाक जैसे जैसे खत्म होते जा रहे है वहां यूटीएस टिकट उपलब्ध कराए जा रहे है।

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