हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के नवनियुक्त कुलपति जस्टिस चंद्रभूषण बाजपेयी ने कहा है कि वे छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच किस तरह की समस्या या विवाद है, समझकर उसका खुले मन से हल निकालने का हरसंभव प्रयास करेंगे।

बिलासपुर हाईकोर्ट से इसी साल जनवरी में सेवानिवृत्त हुए जस्टिस बाजपेयी विकास नगर, 27खोली बिलासपुर के निवासी हैं। आज उनकी नियुक्त हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर के कुलपति के रूप में किए जाने का आदेश जारी हुआ है। पदभार ग्रहण करने रायपुर निकल रहे जस्टिस बाजपेयी ने www.bilaspurlive.com से संक्षिप्त चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनकी नियुक्ति फिलहाल आगामी आदेश तक के लिए की गई है। नियुक्ति स्थायी नहीं है। जब तक उन्हें मौका मिलेगा वे यूनिवर्सिटी को और ऊंचाईयों तक ले जाने तथा देश के श्रेष्ठ लॉ यूनिवर्सिटी के रूप में पहचान देने का प्रयास करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि छात्रों और पूर्व कुलपति के बीच विवाद से उपजी स्थितियों का वे कैसे निराकरण करेंगे, उन्होंने कहा कि मैं वहां खुले मन से काम करने जा रहा हूं। छात्र-छात्राओं की समस्या सुनना और उनका हल निकालना मेरी प्राथमिकता में है। मैं हर उस मांग पर विचार कर हल निकालूंगा जो कानून, संविधान तथा नियमों के दायरे में आता है। जस्टिस बाजपेयी ने कहा कि उनका मानना है कि छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच बेहतर संवाद की स्थिति होनी चाहिए, इससे एक दूसरे को समझने का मौका मिलता है, जो पूरे शैक्षणिक परिसर का माहौल बेहतर बनाता है।

जस्टिस बाजपेयी रिटायर्ड जिला विकास अधिकारी गंगाप्रसाद बाजपेयी के पुत्र हैं। पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेयी, अधिवक्ता चंद्रशेखर बाजपेयी और पार्षद चंद्रप्रदीप बाजपेयी उनके भाईयों में हैं। अन्य भाई व परिवार के सदस्य प्रशासनिक और सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं।

 

 

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