बिलासपुर। बेलगहना चौकी के ग्राम छतौना के सरपंच संत कुमार पैकरा ने फांसी से लटककर जान दे दी। उसकी जेब से और घर पर सुसाइड नोट मिले हैं, जिसमें उसने रेत ठेकेदारों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है।

सरपंच संतकुमार (38 साल) बुधवार की रात खाना खाने के बाद घर से निकला था। वह अक्सर देर रात गांव में लोगों से मिलते-जुलते रहता था, इसलिए घर के लोगों ने ध्यान नहीं दिया। सुबह उसकी लाश गांव के दोहड़ी तालाब के किनारे सरई पेड़ पर लटकी हुई मिली। गांव वालों ने परिवार वालों को और उसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मृतक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद  किया। ऐसा ही एक सुसाइड नोट घर पर भी मिला। दोनों में सरपंच ने गांव के रेत ठेकेदार अजय सिंह, वरूण, अनवर, वादिर खान, जगन्नाथ सोनी और सुमन सिंह पर करीब रुपये दबा देने और परेशान करने का आरोप लगाया है। इनमें से वादिर खान को रतनपुर का कांग्रेस नेता बताया जा रहा है, जिसने विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग भी की थी।

राज्य सरकार द्वारा नदियों की रेत खदानों को पंचायतों की जगह खनिज विभाग द्वारा तय किये गए ठेकेदारों से संचालित कराने का निर्णय लिया है। बताया जाता है कि इसके चलते पहले से वसूल किया गया रेत खदानों का पैसा पंचायत में जमा नहीं किया जा रहा है। दूसरी तरफ सरपंच ने अनेक विकास कार्यों में, प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय में अपनी जेब से पैसा लगा दिया था। इसके चलते उस पर कर्ज चढ़ा हुआ था, जबकि हितग्राही उसे रकम दे नहीं रहे थे। अपने सुसाइड नोट में सरपंच ने विस्तार से बताया है कि उसे किन-किन लोगों से राशि लेनी है। इसमें दर्जन भर से ज्यादा नाम हैं। पत्र में सचिव से कहा गया है कि वह ये राशि वसूल कर उसकी पत्नी और बच्चों के हाथ में सौंप दे।

पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने बताया है कि मृतक के सुसाइड नोट में जिनका नाम आया है, उनसे पूछताछ की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जायेगी।

आदिवासी समाज के प्रदेश महामंत्री और कांग्रेस नेता विभोर सिंह ने मामले की निष्पक्ष जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

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