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तीन बड़ी खदानों में आयेंगे SECL के मेगा प्रोजेक्ट, प्रशासन ने मॉडल गांव बनाने, रोजगार मुहैया कराने कहा

कमिश्नर डॉ. अलंग, कोरबा कलेक्टर रानू साहू व अन्य।

बिलासपुर। अगले वर्ष से 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिये एसईसीएल कोरबा जिले के कुसमुंडा, गेवरा और दीपका कोयला खदानों में अपनी परियोजनाओं का विस्तार करने जा रही है। इसमें भूमि अधिग्रहण, मुआवजा और पर्यावरण स्वीकृति के लिये प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ प्रबंधन की बैठक हुई।

बैठक की अध्यक्षता संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने की । इसमें बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी, कोरबा की कलेक्टर रानू साहू, कोरबा के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर रेंज नावेद शुजाउद्दीन, कोरबा, कटघोरा के वन मंडलाधिकारी, व डिप्टी कमिश्नर अर्चना मिश्रा प्रशासन की ओर से शामिल हुए। एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एपी पंडा व कार्मिक, तकनीकी और कार्ययोजना के निदेशक व अन्य अधिकारी की भी उपस्थिति रही।

बैठक में एसईसीएल सीएमडी पंडा ने कहा कि एसईसीएल ने 2021-22 की छमाही में पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक कोयला उपलब्ध कराया, जिससे औद्योगिक मांग और निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। कोल इंडिया एक बिलियन टन कोयला उत्पादन की दिशा में बढ़ रहा है, जिसमें इन तीनों बड़ी परियोजनाओं का महत्वपूर्ण अंशदान रहेगा।

छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव ने 23 सितंबर को इन परियोजनाओं के विस्तार पर समीक्षा बैठक ली गई थी, इसकी प्रगति की समीक्षा आज की बैठक में की गई। बैठक में भूमि अधिग्रहण, भू-विस्थापितों को मुआवजा, पर्यावरणीय व वन स्वीकृति जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। संभागायुक्त डॉ. अलंग ने अधिकारियों को परिसंपत्तियों व अतिक्रमण का सर्वे करने का निर्देश दिया। उन्होंने एसईसीएल से विस्थापितों के लिये सर्वसुविधायुक्त मॉडल गांव बनाने तथा उन्हें रोजगार मुहैया कराने के संबंध में निर्देश दिया।

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