चुनाव करीब आते ही हर एक मसले पर कांग्रेस-भाजपा का एक दूसरे पर वार तीखा होता जा रहा है। एक ओर नगर-निगम कांग्रेस दल के प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने डेंगू-मलेरिया से निपटने में नाकामी को लेकर कई सवाल उठाए हैं तो दूसरी तरफ एल्डरमेन मनीष अग्रवाल ने शैलेन्द्र जायसवाल की नीयत पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।

सोशल मीडिया पर आज एक दूसरे पर वार चल रहा है। कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल का कहना है कि विशेष सामान्य सभा में सभापति और महापौर ने इस मुद्दे पर चर्चा करने की जहमत ही नहीं उठाई। स्वच्छता पर नगर-निगम को अवार्ड पर अवार्ड मिलता जा रहा है लेकिन गंदगी के कारण बीमारियां फैल रही हैं। इससे शहर को मुक्ति दिलाई जाए और लार्वा कंट्रोल केमिकल का फॉगिंग मशीन खरीदकर छिडकाव किया जाए। ऐसा नहीं किया गया तो बिलासपुर में भी भिलाई जैसी महामारी की हालत हो जाएगी।

इस प्रतिक्रिया की भाजपा में तुरंत प्रतिक्रिया हुई है। एल्डरमैन मनीष अग्रवाल ने कहा कि डेंगू को लेकर सरकार ही नहीं नगर-निगम प्रशासन भी गंभीर नहीं है। पार्षद शैलेन्द्र जायसवाल झूठ बोलने में माहिर हो गए हैं। वे अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा में भी राजनीति करने से नहीं चूके। ऐसे जन प्रतिनिधि जनता के लिए नहीं अपनी तिजोरी भरने के लिए काम करते हैं। नगर निगम को मिले पुरस्कारों पर सवाल उठाकर जायसवाल ने शहर को साफ-सुथरा रखने में जुटे मेहनतकश मजदूर और सफाई कर्मियों पर ही सवाल उठा दिया। जायसवाल को अपनी राजनीतिक उपलब्धि बतानी चाहिए। यह याद रखना चाहिए कि कांग्रेस के महापौर वाले भिलाई में सबसे ज्यादा डेंगू फैला है।

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