सेंट जेवियर्स स्कूल भरनी में शिक्षा, अध्यात्म और विज्ञान पर संगोष्ठी

बिलासपुर। वेद शब्द का अर्थ, ज्ञान विज्ञान का भंडार होता है। ज्ञान के दो भेद हैं। पहला विद्या और दूसरा कला। वाणी के द्वारा जिसकी सिद्धि होती है वह विद्या कहलाती है। इसी तरह कोई व्यक्ति शरीर से कर्म करता है तो वह कला कहलाती है। 32 विद्याओं और 64 कलाओं का समावेश ही संपूर्ण ज्ञान-विज्ञान का समावेश होता है।

उक्त विचार आज गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने व्यक्त किए। वे सेंट जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरनी में आयोजित आध्यात्मिक संगोष्ठी ‘शिक्षा अध्यात्म एवं विज्ञान’ विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे । आध्यात्मिक संगोष्ठी  में उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए। शंकराचार्य ने विद्यार्थियों को जीवन का मंत्र भी दिया। उन्होंने बताया कि यज्ञ यज्ञ, दान, तप, सेवा, उपकार, माता पिता का आदर, गुरु का सम्मान करना यही आज के समय में व्यावहारिक धरातल पर धर्म हैं । इसलिए विद्यार्थियों को यह कार्य जरूर करना चाहिए। शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है कि व्यक्ति को दूसरे से वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा, कि वह स्वयं अपेक्षा करता है।

इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने शंकराचार्य से धर्म और वर्तमान शिक्षा को लेकर अनेक प्रश्न किये। शंकराचार्य जी ने जवाब दिया और उनकी जिज्ञासा शांत की। छात्र के प्रश्न आज के वातावरण में ईश्वर आराधना कैसे की जाए, इस विषय पर चर्चा करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि ईश्वर संसार के कण-कण में हैं।  मानव कभी भी और कहीं भी किसी भी रूप में उनकी आराधना कर सकता है । खासकर विद्यार्थियों को किसी भी समय भगवान को आराधना कर लेनी चाहिए। वह हर स्थिति में आराधना स्वीकार करते हैं।

एक प्रश्न के जवाब पर शंकराचार्य जी ने कहा कि इस संसार में जितने भी विज्ञान हैं वह वेदों के द्वारा ही प्राप्त हुए हैं । अर्थ शास्त्र, मोक्ष शास्त्र, चिकित्सा विज्ञान, धर्मशास्त्र, काम-शास्त्र राजनीति विज्ञान, नीति शास्त्र, वास्तु विज्ञान, दशमलव सहित अनेक शास्त्र  और विज्ञान वेदों की ही देन हैं।

उन्होंने विद्यार्थियों को गुरु मंत्र देते हुए कहा कि विद्यार्थी जिसे अपना इष्ट देव मानते हैं 24 घंटे में 15-15 मिनट पांच बार उनका स्मरण करें। इससे विद्यार्थियों की मेधा शक्ति और तेज होगी । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि विद्यार्थी सरस्वती जी और भगवान गणेश को हमेशा पूजते रहे। इस अवसर पर पीठ परिषद् के उपाध्यक्ष पंडित झम्मन शास्त्री, बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे, आनंद वाहिनी की राष्ट्रीय महामंत्री सीमा तिवारी, राष्ट्र उत्कर्ष समिति के संयोजक डॉ प्रफुल्ल शर्मा, डॉ विवेक बाजपेयी ,कार्यक्रम प्रभारी संदीप पांडे, आदित्य वाहिनी के संभागीय प्रभारी चंद्रचूड़ त्रिपाठी, पीठ परिषद के संभागीय प्रभारी चेतनधर दीवान, आदित्य वाहिनी के जिला अध्यक्ष अभिषेक पांडे, आनंद वाहिनी की गीता तिवारी, पूर्णिमा दुबे, अंजू मिश्रा, प्रभा दुबे, इंदिरा शर्मा, कुंती पाण्डेय, लक्ष्मी पाण्डेय,  सेंट जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के चेयरमैन डॉ. जी. एस. पटनायक, प्राचार्य प्रवीण कुमार चतुर्वेदी, मुकेश सराफ, असिस्टेंट डायरेक्टर अच्युतानंद सामंतराय, फाइनेंस हेड पीवी मिस्त्री, सहित आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी के समस्त पदाधिकारी, स्कूल के विद्यार्थी हजारों की संख्या में उपस्थित थे।

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