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कांग्रेस नेता को गिरफ्तार कराने वाला सिपाही मोहल्ले में मारपीट, गाली गलौच करते मिला

विधायक शैलेष पांडेय ने कहा- शहर को वर्दी वाले गुंडों से बचाइये 

बिलासपुर. जिला पुलिस ने जिस ट्रैफिक सिपाही के साथ गाली गलौच करने पर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मोती थावरानी के खिलाफ गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया वही एक वीडियो में मोहल्ले के लोगों को धमकाते, गालियां देते और महिलाओं से दुर्व्यवहार करते हुए दिखाई दे रहा है। इस वीडियो को पुलिस अधीक्षक को भेजते हुए विधायक शैलेष पांडेय ने निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।

विधायक द्वारा भेजी गई लगभग एक मिनट के इस वीडियो में सिपाही राजकुमार रजक किसी घर के सामने खड़ा है और वह गंदी-गंदी गालियां देते हुए घर के लोगों को तेज आवाज में देख लेने की धमकी देते हुए बाहर निकलने के लिये कह रहा है। इसके बाद एक लड़की अपनी बुआ को आवाज दे रही है। सिपाही उसकी तरफ घूमता है, एक व्यक्ति घर से बाहर निकलता है जिसके साथ गाली-गलौच करते हुए सिपाही मारपीट करता है और धक्का देता है जिससे वह व्यक्ति गिर जाता है। इसके बाद दो महिलायें सामने आती हैं, जिनके द्वारा धमकाये जाने के बाद सिपाही वहां से लौट जाता है।
वीडियो क्लीपिंग के साथ एसपी प्रशांत अग्रवाल को लिखे पत्र में पांडे ने सवाल किया है कि क्या कानून के रखवाले बेगुनाह गरीबों पर अत्याचार करने के लिये हैं? जिस आरक्षक के बचाव में पूरी पुलिस दिख रही है और उसकी गंदी करतूतों को छिपाने का काम कर रही है उसी ने हमारे साथी मोतीलाल थावरानी को उसकी पत्नी के सामने गालियां दी पर कानून ने केवल मोतीलाल को आरोपी बनाया। पूरा वीडियो जनता के सामने क्यों नहीं लाया गया, केवल वह हिस्सा क्यों लाया गया जिसमें मोती गाली दे रहे हैं। आरक्षक के शराब के नशे में होने की शिकायत थी तो उसका डॉक्टरी मुलाहिजा क्यों नहीं कराया गया? सिविल लाइन थाने में दोनों के बीच जो समझौता हुआ था वह कागज कहां गया?  मोतीलाल थावरानी की पत्नी दामिनी की शिकायत क्यों नहीं ली गई और उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? दहशत के मारे थावरानी का भाई थाने से चला गया, उनकी बात क्यों नहीं सुनी गई? यह बातें और वीडियो क्लिप पुलिस की कार्रवाई के प्रति अविश्वास पैदा करती है।
विधायक ने कहा कि वे मोतीलाल के कृत्य पर माफी मांगते हैं। वे मानते हैं कि पुलिस का सभी को सम्मान करना चाहिये लेकिन पुलिस ने न्याय नहीं किया। मोती कोई आदतन अपराधी या गुण्डा नहीं है। वह कांग्रेस का एक कार्यकर्ता और समाजसेवी है। इस पहलू को शायद पुलिस भूल गई है या उसे देखना नहीं चाहती।

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