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हवाई सेवा के लिए जारी आंदोलन को लगातार समर्थन, 77वें दिन शहीद हेमू कालानी सांस्कृतिक मंडल और सिंधु सेवा समिति धरने पर

हवाई सेवा के लिए बिलासपुर में चल रहे आंदोलन के 77वें दिन सिंधु समाज के लोग धरने पर।

बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का अखंड धरना आंदोलन 77वें दिन पहुंच गया। शुक्रवार को शहीद हेमू कालानी सांस्कृतिक मण्डल और सिंधु सेवा समिति के पदाधिकारी व सदस्य धरने पर बैठे। आज धरने की विशेषता यह रही कि जागरूक नागरिक के तौर पर धरने पर बैठे लोगों ने हवाई सुविधा संबंधित मांग के बारे में कई सवाल समिति से पूछे और उनका उत्तर जानकर पूरी तरह संतुष्ट हुए। उन्होंने आंदोलन को लगातार समर्थन देने की घोषणा की।

सभा में हेमू कालानी सांस्कृतिक मण्डल के एन.डी.बजाज ने कहा कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी व न्यायधानी है। यहां केन्द्र सरकार के सभी उपक्रमों के कार्यालय भी मौजूद हैं। अगर कोई कमी है तो केवल एयरपोर्ट की है। इसके बाद बिलासपुर का व्यापार-व्यवसाय भी दोगुनी रफ्तार से आगे बढेगा। बजाज ने जन संघर्षों का हवाला देते हुए कहा कि बिलासपुर सदैव इसी रास्ते से उपलब्धियां हासिल कर पाया है। अतः यही मार्ग हमें आगे भी सफलता दिलायेगा। सभा में सिंधु सेवा समिति के अध्यक्ष बृजलाल भोजवानी और हरीश भागवानी ने कहा कि छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए 27 करोड़ रुपये प्रदान कर दिये हैं। अब इस राशि से शीघ्र ही आवश्यक कार्य कराकर हवाई सुविधा महानगरों तक प्रारम्भ कराई जानी चाहिए।

हेमू कालानी मण्डल के शत्रुघन जैसवानी और प्रकाश बहरानी ने अब तक आंदोलन के माध्यम से क्या हासिल हुआ है, इस पर कई सवाल भी पूछे।  समिति की ओर से जवाब देते हुये बताया गया कि 3सी एयरपोर्ट बनने के बाद यहां 72 और 78 सीटर विमान जो कि एयर इंडिया, स्पाईस जेट और इंडिगो के पास है उनका संचालन किया जा सकेगा। वहीं 4सी एयरपोर्ट परियोजना की मंजूरी भी साथ-साथ जरूरी है। जब तक 4सी एयरपोर्ट नहीं होगा, बिलासपुर में बोईंग और एयरबस जैसे बड़े विमान नहीं उतर सकेगे। इसके अलावा भी अन्य बहुत से सवालों का समिति के द्वारा विस्तार से जवाब दिया गया और उपस्थित नागरिक तथा प्रश्नकर्ता प्रकाश बहरानी पूरी तरह संतुष्ट हुए और उन्होंने आंदोलन को लगातार चलाने के लिए अपना समर्थन दोहराया।

सभा के अंत में जनसंघर्ष समिति के नियमित सदस्य शेख अल्फाज (फाजू) की माता के दुखद निधन पर उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया।

आज धरने में सभा को महेश दुबे टाटा, यतीश गोयल, राघवेन्द्र सिंह बोगो और संजय पिल्ले ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन गोपाल दुबे और बद्री यादव ने किया। आज धरना आंदोलन में सिंधी समाज से प्रभाकर मोटवानी, कन्हैया लाल पारवानी, खुन्दराज जैसवानी, मोहन लाल शामनानी, मुरलीधर रावनानी, गोपालदास सिंहवानी, रमेश मेहरचंदानी, टेकचंद बाधवानी, हरकिशन गंगवानी, वासुदेव पारवानी, अजय सिंहवानी, किशोर मतलानी, जसपाल बजाज, मोतीराम रेलवानी, नानक राम खण्डूजा, परमेश्वर कौशिक, मुरली पेशवानी, दीपक बजाज, गोविन्द कुमार, वी.के.भीमटे, महेन्द्र हिन्दूजा, मोहन परवानी, दिलीप बहरानी, संतोश बुधवानी, लक्ष्मण चंदानी, अजय बजाज, गोविन्द बजाज उपस्थित थे।

समिति की ओर से धरने में अशोक भण्डारी, मनोज तिवारी, गणेश खाण्डेकर, कमल सिंह ठाकुर, अभिषेक चौबे, केशव गोरख, राकेश पवन पाण्डेय, हमीद खान, संतोष पिपलवा, मनोज श्रीवास, शम्मी सहगल, मनीष सक्सेना, पप्पू तिवारी, रघुराज सिंह, सुशांत शुक्ला, राजा अवस्थी आदि शामिल हुए।

अखण्ड धरना आंदोलन के 78 वें दिन देवांगन समाज विकास समिति बिलासपुर के पदाधिकारी और सदस्य धरने पर बैठेगें।

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