बिलासपुर । सरपंच ने ग्रामीणों के प्रधानमंत्री आवास योजना के पौने दो करोड़ रुपये जालसाजी से हड़प कर अपने एकाउन्ट में जमा करा लिया। पिछले तीन साल से 165 ऐसे मकान अधूरे पड़े हैं, जिनमें सरपंच ने कागजों में मटिरियल सप्लाई दिखा दी। पीड़ित ग्रामीण जब शिकायत कर-कर के हार गये तो आज मिट्टी तेल लेकर कलेक्टोरेट पहुंच गये और आत्मदाह की कोशिश की। सिविल लाइन पुलिस ने इनमें से एक ग्रामीण को पकड़कर थाने ले गई है।

मामला बिल्हा विकासखंड के ग्राम मदनपुर का है। यहां के ग्रामीण आज कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कलेक्टर की व्यस्तता के कारण उनसे वे मुलाकात नहीं कर पाये। बाद में उन्होंने जिला पंचायत जाकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। इन्होंने बताया कि सन् 2015-16 में ग्रामीणों के लिए 165 आवास स्वीकृत किये गये थे। इसके लिए करीब दो करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया था। सरपंच ने हितग्राहियों को इसकी जानकारी दी और बैंक खाता खोलने के नाम पर उनसे कई कागजातों पर दस्तखत ले लिये। जिनको हस्ताक्षर करना नहीं आता उनसे अंगूठे का निशान ले लिया गया।


ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच ने आयुष ट्रेडर्स, मान्या ट्रेडर्स और निधि कंस्ट्रक्शन नाम से फर्जी फर्म बनाई और ग्रामीणों के आवास के लिए आई राशि को इन खातों में ट्रांसफर करा लिया। इस वजह से गांव में केवल 10-15 आवास ही बन पाये हैं, जबकि शेष के प्रधानमंत्री आवास अधूरे पड़े हैं। इसी तरह ग्रामीणों ने करीब 500 शौचालय अपने खर्च पर बनवा लिये पर उनको भी इसकी राशि समायोजित नहीं की गई।

ग्रामीणों ने इसकी लगातार शिकायत जनपद पंचायत और कलेक्टोरेट में की।जिला प्रशासन से इसकी जांच की मांग भी की थी।छह माह पहले इस शिकायत की जांच हुई थी तो घोटाला होना पाया गया था।  उन्होंने रतनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए एफआईआर लिखने की मांग भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 25 फरवरी को ग्रामीणों ने सामूहिक आत्मदाह करने की चेतावनी का पत्र भी जिला प्रशासन को सौंपा था। आज करीब 15-20 ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे और ज्ञापन देने के बाद उन्होंने अपने ऊपर मिट्टीतेल छिड़कने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद कलेक्टोरेट के सुरक्षा प्रहरियों और सिविल लाइन पुलिस ने उन्हें मौके पर रोक लिया और करीब मिट्टी तेल से भरा दो लिटर का कंटेनर जब्त कर लिया। इनमें से एक ग्रामीण लेखराम साहू को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि आज जब वे कलेक्टोरेट आ रहे थे तब भी सरपंच ने उन्हें धमकाया। रतनपुर पुलिस को हमारे यहां पहुंचने की खबर मिल गई थी, जिसके चलते सिविल लाइन पुलिस ने पहले से आकर हमें रोक दिया।

 

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